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मुरादाबाद के इंडिस्ट्रियल एरिया की 900 बीघा सरकारी जमीन पर कब्जा!

क्या इन सरकारी जमीनों पर स्थापित प्रोजेक्ट और फैक्ट्रियों को हटा सकने में जिले के प्रशासनिक अधिकारी सक्षम है? अभी हो हल्ला करने वाले जिले के मुखिया भी कहीं इसे फाइलों में दफन न कर दें। इस पर शहरवासी सवाल खड़े कर रहे हैं।

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Anupam Singh
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मुरादाबाद, वाईबीएन संवाददाता।

मुरादाबाद जिला प्रशासन ने इंडिस्ट्रियल एरिया में जमीनों का महाघोटाला तो पकड़ लिया। मगर क्या इन सरकारी जमीनों पर स्थापित प्रोजेक्ट और फैक्ट्रियों को हटा सकने में जिले के प्रशासनिक अधिकारी सक्षम है? अभी हो हल्ला करने वाले जिले के मुखिया भी कहीं इसे फाइलों में दफन न कर दें। इस पर शहरवासी सवाल खड़े कर रहे हैं। दरअसल मुरादाबाद के इंडस्ट्रियल एरिया लाकड़ी में 59 हेक्टेयर का एक पूरा खसरा नंबर कागजों में 'खो' गया है। करीब 900 बीघा के इस खसरा नंबर की 90 फीसदी जमीन सरकारी है। हैरानी की बात है कि ये खसरा नंबर खतौनी और बंदोबस्त में तो मौजूद है। मगर राजस्व से जुड़े बाबूओं ने इसे नक्शे से उड़ा दिया गया है।

खसरा नंबर 3807 ही उड़ा दिया

राजस्व विभाग के अफसरों की मानें तो इस खेल के पीछे कुछ बड़े प्लेयर्स हैं, जिन्होंने इस इलाके में बड़े-बड़े प्रोजेक्ट्स और फैक्ट्रियां बनाई हैं। सरकारी जमीन पर कब्जा करके प्रोजेक्ट्स बनाने के बाद इस खसरा नंबर को रिकॉर्ड से डिलीट कराने की साजिश की गई। इसके लिए इस गांव के पुराने नक्शे को एक नए नक्शे से बदलवा दिया गया। तहसील,चकबंदी और यहां तक कि मुहाफिजखाने तक में बदलाव किया गया और नया नक्शा रखवा दिया गया। इस नए नक्शे में खसरा नंबर 3807 नहीं था। मगर अरबों रुपए की सरकारी जमीन को कब्जाने वाले खिलाड़ी एक चूक कर गए।

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बंदोबस्त से पकड़ में आया नक्शा

ये खसरा नंबर नक्शे से तो हटा दिया गया लेकिन बंदोबस्त में इसे हटवाना शायद भूल गए। जिससे ये मामला पकड़ में आया। सूत्रों का कहना है कि जमीन के इस महाघोटाले की वजह से ही लाकड़ी इलाके की चकबंदी करने में चकबंदी विभाग ने हाथ खड़े कर दिए थे। यही वजह थी कि 2-2 बार यहां की चकबंदी के आदेश हुए लेकिन बड़े प्लेयर्स ने कभी चकबंदी नहीं होनी दी। 

चकबंदी होती तो खुल जाता सारा राज

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अगर चकबंदी होती तो यहां हुए जमीन के सारे खेल खुलकर सतह पर आ जाते। जिस इलाके में चकबंदी हो जाती है वहां एक-एक खसरा चेक होता है और जमीन पूरी तरह क्लियर हो जाती हैं। अगर सरकारी जमीन पर किसी का कब्जा होता है तो वो भी चकबंदी के दौरान पकड़ लिया जाता है और उसे मुक्त करा लिया जाता है।

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सुलगते सवाल?

-  इंडिस्ट्रियल एरिया लाकड़ी में क्या रातों-रात बैनी फैक्ट्रियां?

- एक दिन में तो लगे नहीं प्रोजेक्ट?

- अब तक क्या कर रहा था राजस्व विभाग?

- यह मामला पहले भी उछला तो राजस्व विभाग के अधिकारियों ने क्यों की लीपापोती?

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- क्या इस बार जिले के मुखिया लाकड़ी की सरकारी जमीन से फैक्ट्रियों और प्राजेक्ट का कब्जा हटवा पायेंगे?

- क्या जिले के मुखिया पुराने अधिकारियों की तरह शासन को चिट्ठी लिखकर खामोश बैठ जाएंगे?

- यंग भारत के लाखों पाठक और सब्सक्राइवर मुरादाबाद के मुखिया से जवाब चाहते हैं?

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