सीएम साहब, मुरादाबाद के भी अफसर कर रहे हैं कारोबार
पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह का वह बयान कि कोई भी सरकारी अधिकारी कार्य करने के लिए तैनात किया जाता है, ना, कि अपना खुद का व्यापार करके मुनाफा कमाने या अपनी संपत्तियों को बनाने के लिए।
पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह का वह बयान कि कोई भी सरकारी अधिकारी कार्य करने के लिए तैनात किया जाता है, ना, कि अपना खुद का व्यापार करके मुनाफा कमाने या अपनी संपत्तियों को बनाने के लिए। मगर उत्तर प्रदेश सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने कारोबार करने और भ्रष्टाचार के आरोप में भले ही लखनऊ के पूर्व डीएम, लखनऊ एलडीए के पूर्व वीसी आईएएस अभिषेक प्रकाश को निलंबित कर दिया है और उनके खिलाफ विजिलेंस जांच बैठा दी है। सीएम साहब आपको हम यह बताना चाह रहे हैं कि मुरादाबाद में स्मार्ट सिटी, नगर निगम, एमडीए और राजस्व विभाग में कुछ बड़ी मछलियां या बड़े अफसर बिल्डरों और खनन तस्करों के साथ सांठ-गांठ कर अपना कारोबार कर रहे हैं और उनका पैसा जहां निवेश हो रहा है। सबको पता है। मगर अभी उनका प्रभाव इतना अधिक है कि कोई बोलने को तैयार नहीं है। हालांकि इसका खुलासा भी होगा। मगर इन अफसरों का तबादला होने के बाद।
उदाहरण के तौर पर नगर निगम ने पिछले दिनों टॉप 10 बकायादारों की एक सूची जारी की थी, जिसमें उसने शहर के टॉप टेन बकायेदारों के बारे में विस्तृत ब्यौरा दिया था। मगर जहां नगर निगम ने 20 से 30 हजार के बकायेदारों के खिलाफ प्रतिष्ठानों को सील करने की कार्रवाई शुरू कर दी। वहीं निगम 20 से 40 लाख के बकायादारों के खिलाफ नजर उठाकर भी नहीं देख रहा है। आखिरी इतनी मेहरबानी क्यों? यही हाल है विकास प्राधिकरण का भी है और इसी तरह की स्थिति राजस्व विभाग में भी है। अब देखना यह है कि सीएम साहब की नजर मुरादाबाद में फैले भ्रष्टाचार के रैकेट पर कब पड़ती है? इस बारे में हमने आम जनता से उनकी राय जानने की कोशिश की तो आईए जानते हैं शहर मुरादाबाद के लोग अफसरों की भ्रष्टाचार के बारे में क्या सोचते हैं और उनका क्या कहना है।
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जांच में एलडीए की तरह एमडीए में भी अफसर व बिल्डर गठजोड़ का चलेगा पता
वसूली के आरोप में निलंबित किए गए आईएएस अभिषेक प्रकाश लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के वीसी रहने के दौरान बिल्डरों से गठजोड़ की बात सामने आई है। इसकी गोपनीय जांच भी लगभग लगभग पूरी हो चुकी है। अगर हम एलडीए की तरह एमडीए की बात करें तो यहां पर भी बिल्डर और अफसर का गठजोड़ पुराना चल रहा है और अगर जांच हुई तो सजा होनी तय है।
सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार चौहान।
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सरकार की छवि खराब न हो : राजकुमार चौहान
सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रखी है। मगर अफसरशाही सरकार की छवि को खराब करने पर तुली है। भ्रष्टाचार अगर कहीं पर हो रहा है तो उसे रोकने की दिशा में सरकारी अधिकारियों को कठोर कदम उठाना चाहिये। अगर वह लोग भ्रष्टाचार में संलिप्त होंगे तो जनता को न्याय नहीं मिल सकेगा।
वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंह उर्फ निशु।
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अफसरशाही सरकार को कर रही गुमराह : अभिषेक सिंह
वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंह उर्फ निशु ने कहा कि प्रदेश सरकार अंतिम छोर पर खड़े लोगों के लिए योजनाएं ला रही है। मगर मुरादाबाद जिले की जो अफसरशाही है। यह अपने कारोबार में लगी हुई है, जिसका अभी तक सरकार और जनप्रतिनिधियों को संज्ञान नहीं हो पाया है। 30-40 हजार जिसका बकाया है। उसके प्रतिष्ठान को नगर निगम सील कर दे रहा है। वहीं जो नगर निगम की टॉप टेन लिस्ट में शामिल हैं। उनकी वसूली भी नगर निगम नहीं कर रहा है और चुपके से नाम भी हटा देता है। आखिर इससे बड़ा भ्रष्टाचार का क्या उदाहरण होगा।
बार एसोसिएशन मुरादाबाद के महासचिव अभिषेक भटनागर।
गंभीरता से जांच होनी चाहिए : अभिषेक भटनागर
द बार एसोसिएशन मुरादाबाद के महासचिव अभिषेक भटनागर ने कहा कि जो लोग भ्रष्टाचार चार को बढ़ावा दे रहे हैं। वह सबसे बड़े जिम्मेदार हैं। सफलता का कोई शॉटकर्ट नहीं है। विभागों और भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ कड़ी जांच होनी चाहिये।
हमें भ्रष्टाचार को बढ़ावा नहीं देना चाहिये : दीप्ति रस्तोगी
बैंकर्स दीप्ती रस्तोगी ने कहा कि कुछ अपनी भी जिम्मेदारी बनती है। किसी काम में समय भले ही अधिक लगे। मगर हमें भ्रष्टाचार को बढ़ावा नहीं देना चाहिये। हम सुधरेंगे तो दूसरा अपने आप सुधर जाएगा। मगर लोग स्वयं को ना सुधार कर दूसरों को सुधारने में लगे हैं।