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रंगीन मिजाज अंडरग्राउंड करप्ट आईएएस अभिषेक प्रकाश जहां रहे वहीं किया करप्शन

लाइजनिंग सिंडीकेट जरिये अंडरग्राउंड आईएएस अभिषेक प्रकाश खूब मालामाल हुये। उनके करीबी निकांत जैन और लकी जाफरी IAS अधिकारियों के लिए काम करते थे।

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Anupam Singh
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लखनऊ, वाईबीएन, संवाददाता।  एसटीएफ की गिरफ्तारी से बचने के लिए चोरों की तरह अंडरग्राउंड हुए आईएएस अभिषेक प्रकाश काफी रंगीन मिजाज के हैं। वह जहां भी रहे। वहीं लग्जीरियस लाइफ में रहे और दबाकर करप्शन किया, जिसमे उन्होंने अपने परिवार के नाम अनकूत संपत्तियां तो बनाई ही। चर्चा है कि उन्होंने दोस्तों और फर्जी कंपनियों के नाम भी तमाम संपत्तियां खरीदी हैं। बरेली में रहने दौरान उनके रंगीन मिजाजी के किस्से गली-मोहल्लों से लेकर लखीमपुर तक गूंजते रहे।

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IAS अधिकारी अभिषेक बारे में बताया जाता है कि उन्होंने अपनी तैनाती के दौरान कई प्रॉपर्टी खरीदी। उन्होंने लखीमपुर और बरेली में 700 बीघा जमीन खरीदी और लखनऊ में कई बंगले बनवाए। इन संपत्तियों का मूल्य करोड़ों में है। साथ ही, उन पर ब्रह्मोस मिसाइल फैक्ट्री के नाम पर 20 करोड़ के घोटाले का भी आरोप लगा है। अभी जांच चल रही है और अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की संभावना है। वहीं लखनऊ का होटल ताज उनकी पसंदीदा जगह रही है।

लखनऊ में डीएम, सचिव और वीसी रहने के दौरान घिरे रहे विशेष लॉबी से

अभिषेक, जो औद्योगिक विकास विभाग के सचिव और इन्वेस्ट यूपी के सीईओ थे, अब गुमनाम हो गए हैं। उनके करीबी, बाबू निकांत जैन, को STF ने गिरफ्तार किया है। अभिषेक ने 31 अक्टूबर 2019 से 7 जून 2022 तक लखनऊ के जिलाधिकारी का पद संभाला। इसके अलावा, उन्होंने 23 अक्टूबर 2020 से 25 जुलाई 2021 तक लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) के वीसी की जिम्मेदारी भी निभाई। इस दौरान उनके ईद-गिर्द एक विशेष लॉबी घूमती हुई नजर आई।

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राजधानी स्थित अंसल में घर, आशियान में कोठी और सोसाइटियों में विला

अभिषेक प्रकाश, लखनऊ में डीएम रहते हुए, कई महंगी संपत्तियों के मालिक बन गए हैं। उनके पास अंसल में घर, आशियाना में कोठी और एक सोसाइटी में विला है। उनके करीबी निकांत जैन और लकी जाफरी IAS अधिकारियों के लिए काम करते थे। दोनों ने कई बड़े प्रोजेक्ट्स के लिए कमीशन डील की। यह खबरें सरकारी कामकाज में भ्रष्टाचार की ओर इशारा करती हैं।

करप्ट आईएएस अभिषेक प्रकाश लाइजनिंग सिंडीकेट के जरिये हुए मालामाल

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लाइजनिंग सिंडीकेट जरिये अंडरग्राउंड आईएएस अभिषेक प्रकाश खूब मालामाल हुये। उन्होंने लखीमपुर खीरी और बरेली में 700 बीघा जमीन अपने परिवार के नाम खरीदी। इन जमीनों को उन्होंने अपने माता-पिता, भाई और फर्जी कंपनियों के नाम पर खरीदा। इसके अलावा, बरेली में 400 बीघा जमीन खरीदने का भी आरोप है। दोनों मामलों में स्टांप ड्यूटी में चोरी कर लाखों के राजस्व की क्षति पहुंचाई है। इस मामले की जांच के लिए केंद्र सरकार ने यूपी सरकार को नोटिस भेजा है, जिसकी जांच अंदरखाने चल रही है।

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