Advertisment

Moradabad: स्मार्टसिटी के खेल में स्मार्ट बने अभियंता, नहीं छोड़ना चाहते मुरादाबाद नगर निगम

Moradabad: जब से नगर निगम मुरादाबाद स्मार्ट सिटी में शामिल हुआ है। तब से नगर निगम मुरादाबाद के अभियंता बहुत स्मार्ट हो गए हैं वह हमारे-आपके टैक्स से मिले धन को पानी की तरह के विकास के नाम पर खर्च कर रहे हैं।

author-image
shivi sharma
वाईबीएन

Photograph: (MORADABAD )

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

मुरादाबाद वाईवीएन संवाददाता।  जब से नगर निगम मुरादाबाद स्मार्ट सिटी में शामिल हुआ है। तब से नगर निगम मुरादाबाद के अभियंता बहुत स्मार्ट हो गए हैं, वह हमारे-आपके टैक्स से मिले धन को पानी की तरह के विकास के नाम पर खर्च कर रहे हैं। विकास की गुणवत्ता ऐसी कि आप देखेंगे तो शर्मसार हो जाएंगे। मगर नगर निगम के कर्ताधर्ता नहीं। स्थिति यह है कि जो सड़क का निर्माण वह कर रहे हैं हफ्ते भर में ही वह सड़क क्षतिग्रस्त हो जा रही है पता नहीं यह सड़कें आगामी बरसात झेल पाएगी या नहीं। उदाहरण के तौर पर पखवाड़ा भर पहले दिल्ली रोड पर नगर निगम के अभियंताओं ने साईं हॉस्पिटल के सामने ढलान पर सड़क का निर्माण किया। वहां पर जाकर मौके पर देखने पर पता चला कि पखवाड़े भर के भीतर सड़क की डामरवाली गिट्टियां उखाड़ कर इधर-उधर बिखर गई और लोग उन गिट्टियों में फिसल कर घायल हो रहे हैं।

Advertisment

मुरादाबाद से बेहतर कमाई कहीं नहीं हो सकती

जिन अभियंताओं का अभी तक तबादला हो जाना चाहिये थे। वह स्मार्ट सिटी का प्रोजेक्ट आने के बाद जमे हुए हैं। अवर अभियंता शिव मोहन, पूर्व में अवर अभियंता रहे विजेंद्र सिंह यादव, जो अभी सहायक अभियंता हैं और रईश अहमद, जो इस साल ही अधिशासी अभियंता बने हैं, सभी लगभग पांच साल से मुरादाबाद में तैनात हैं। इसी तरह किशन लाल, जो पहले अवर अभियंता थे, तीन महीने पहले ही सहायक अभियंता बनाए गए हैं। इन सभी अभियंताओं का मुरादाबाद में ही रहना सवाल खड़ा करता है। क्या इनका राजनीतिक रसूख इतना मजबूत है? कि उन्हें कोई हिला नहीं सकता। या ये मानते हैं कि मुरादाबाद से बेहतर कमाई कहीं नहीं हो सकती? या फिर ये शासन की नीतियों का उल्लंघन कर अपने स्वार्थ की पूर्ति कर रहे हैं? यह मामला प्रशासनिक व्यवस्था और नियमों की साख पर सवाल भी खड़ा करता है।

अखिलेश पाल को किया गया था निलंबित

Advertisment

हां एक अवर अभियंता अखिलेश पाल तो ऐसे हैं कि पूर्व में फेसबुक पर सरकार पर टिप्पणी करने के कारण निलंबित कर दिए गए थे कुछ दिन जिलाधिकारी के यहां अटैच रहे। मगर राजनीतिक रसूख की वजह से फिर से अवर अभियंता नगर निगम मुरादाबाद की कुर्सी पाने में सफल रहे।

अब एस्टीमेट रेट पर ही हो रहे हैं टेंडर

नगर निगम मुरादाबाद में पहले पहले 35 - 40 प्रतिशत ब्लो टेंडर डलवाया जा रहा था अब एस्टीमेट रेट पर टेंडर हो रहें हैं इनकी जेब भर रही है। शासन का करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है। उदाहरण के तौर पर  पहले 100 करोड़ में 130 करोड़ के काम हो रहे थे,अब 95 करोड़ के ही हो रहें हैं।

Advertisment

यह भी पढ़ें: बदनीयत से महिला को दबोचा, शिकायत करने पर कर दी पिटाई, 6 लोगों के खिलाफ एफआईआर

यह भी पढ़ें: गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल, पूजा के उत्पाद बनाकर शहर का नाम रोशन कर रहे सलमान

यह भी पढ़ें: पुलिस और आबकारी टीम की कार्रवाई, 117 लीटर शराब बरामद

latest moradabad news in hindi
Advertisment
Advertisment