सिर्फ कागजों में चलती मिली फैक्ट्रियां,कई वर्षों से जमा नहीं थी जीएसटी
जीएसटी की एसआईबी(SIB) टीम ने देर शाम तक नोमान मंसूरी की फर्मों पर छापेमारी जारी रखी है। मिली जानकारी के मुताबिक नोमान मंसूरी ने कई फर्म सिर्फ कागजों में संचालित कर रखी थीं। जिनकी आड़ में जीएसटी की बड़ी चोरी की गई है।
जीएसटी की एसआईबी(SIB) टीम ने देर शाम तक नोमान मंसूरी की फर्मों पर छापेमारी जारी रखी है। मिली जानकारी के मुताबिक नोमान मंसूरी ने कई फर्म सिर्फ कागजों में संचालित कर रखी थीं। जिनकी आड़ में जीएसटी की बड़ी चोरी की गई है।
खबर प्रकाशित होने के बाद भड़के नोमान मंसूरी ने एक लेटर हेड जारी किया है जिस पर मिनिस्ट्री ऑफ टेक्सटाइल्स गवर्नमेंट ऑफ इंडिया भी लिखवाया गया है। नोमान मंसूरी ने खुद कबूल किया है कि 2022 से लेकर अब तक जीएसटी जमा नहीं की गई है। सवाल नोमान मंसूरी पर नहीं बल्कि उन अधिकारियों पर है कि आखिर 2022 से जीएसटी जमा ना करने पर नोमान मंसूरी के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई।
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इन गाड़ियों में भरकर एकाएक पहुंचे जीएसटी अफसर।
मिली जानकारी के मुताबिक नोमान मंसूरी ने हैंडीक्राफ्ट डेवलपमेंट सोसाइटी की आड़ लेकर नेताओं और अधिकारियों में अच्छी पैठ बना ली। इसी पैठ का फायदा उठाकर नोमान ने केंद्र सरकार से मिलने वाले मेगा हथकरघा और चमड़ा क्लस्टर के अंतर्गत मिलने वाली रकम (30 करोड़) को चट कर लिया है।
नोमान मंसूरी द्वारा एनजीओ संचालित किया जा रहा है जिसमें लोन दिलाने के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा किया गया है। इन लोगो द्वारा फर्म के फर्जी कागजात तैयार कराए जाते हैं।जिसके नाम पर ये लोग सरकार की आंखों में धूल झोंकते हैं और करोड़ों रुपए का लोन ले लेते हैं फिर फर्म में नुकसान दिखा कर लोन जमा नहीं करते हैं।जिससे सरकारी खजाना खाली होता जा रहा है।मिली जानकारी के मुताबिक नोमान मंसूरी ने सपा सरकार में पूरे जनपद का लोन कराने का ठेका ले रखा था। जब इसके द्वारा करोड़ों रुपए का लोन फर्जी कागजातों के माध्यम से प्राप्त किया गया था। जो आज तक जमा नहीं किया गया। और कोई कार्रवाई भी नहीं हुई।
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