/young-bharat-news/media/media_files/2025/02/01/ETgGciw5R0ML9QdKUZu3.jpg)
हिंदू कॉलेज मुरादाबाद के प्रोफेसर अनिल कुमार ने आम बजट पर बताईं जनता की उम्मीदें
भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के परिपेक्ष्य में यह बजट 2025 अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस लक्ष्य प्राप्ति के लिए कम से कम एक दशक तक लगभग 8% की औसत वार्षिक वृद्धि बनाए रखना आवश्यक है। इसके लिए नई टैक्स प्रणाली में 10 लाख तक की आय पर टैक्स शून्य होना चाहिए तथा 15 लाख से ऊपर की स्लैब पर टैक्स 30 % से घटकर 25% किया जाना चाहिए। बेसिक छूट सीमा 5 लाख रुपए की जानी चाहिए। 80 सी में छूट की सीमा 1.5 लाख से बढ़ाकर 3 लाख करनी चाहिए। खेती में सुधार तथा खाद्य महंगाई में कमी से ग्रामीण मांग में मजबूती आएगी। इसके लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि 6000/- वार्षिक से बढ़ाकर 12000/- करनी चाहिए। किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा 3 लाख से बढ़ाकर 6 लाख करनी चाहिए, क्योंकि इसमें लगभग 25 वर्षों से कोई वृद्धि नहीं की गई है। साथ ही बीज एवं कीटनाशक पर जी एस टी में राहत एवं कृषि बजट में 10 % वृद्धि की जानी चाहिए। स्वास्थ्य क्षेत्र के बजट में 10% की वृद्धि की जानी चाहिए। पेट्रोलियम उत्पाद पर एक्साइज ड्यूटी कम करके डीजल एवं पेट्रोल के दाम कम किए जाने चाहिए। महानगरों में अफोर्डेबल मकानों की कीमत 45 लाख से बढ़ाकर 60 लाख एवं अन्य शहरों में 50 लाख की जानी चाहिए। हाउसिंग लोन के ब्याज पर छूट की सीमा 2 लाख से बढ़ाकर 5 लाख की जानी चाहिए। ऑटो सेक्टर में विद्युत वाहनों की बिक्री को प्रोत्साहित करने के लिए जीएसटी में छूट बढ़ानी चाहिए। विगत वर्ष में 41 मिलियन लोगों के स्किल विकास के लिए 4520 करोड़ रुपए खर्च किए गए, इसमें भी 10% की वृद्धि की जानी चाहिए। स्टार्ट अप योजना के अंतर्गत पिछले वर्ष स्वीकृत 10,000 करोड़ रुपए में लगभग 20% वृद्धि की जानी चाहिए। इस प्रकार भारत को स्टार्ट अप का हब बनाना चाहिए। इन बिंदुओं को समाहित करके भारत को सबका साथ, सबका विकास के साथ विकसित राष्ट्र की ओर अग्रसर किया जा सकता है।
यह भी पढ़ें:मुरादाबाद के एक आईपीएस खुद को बताते हैं भगवान कल्कि का अवतार