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Moradabad: गोकुलदास की छात्राओं ने जाना रजा लाइब्रेरी का इतिहास, किताबों को संभाल कर रखने के सीखे गुण

गोकुलदास हिंदू गर्ल्स महाविद्यालय के उर्दू विभाग की ओर से एमए उर्दू की छात्राओं को एक दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण के लिए रामपुर रजा लाइब्रेरी ले जाया गया।

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Avik Kumar
गोकुलदास खबर

रामपुर रजा लाइब्रेरी का भ्रमण करती गोकुलदास महाविद्यालय की छात्रा व शिक्षक।

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मुरादाबाद, वाईबीएन संवाददाता।

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गोकुलदास हिंदू गर्ल्स महाविद्यालय के उर्दू विभाग की ओर से मंगलवार को एमए उर्दू की छात्राओं को एक दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण के लिए रामपुर रजा लाइब्रेरी ले जाया गया। इस अवसर पर छात्राओं ने रजा लाइब्रेरी का इतिहास जाना और पुरानी किताबों को संजो कर रखने की खूबी सीखी।

क्या बोली प्राचार्य 

प्राचार्य चारु मेहरोत्रा ने बताया कि रजा लाइब्रेरी देश ही नहीं पूरी दुनिया की प्रसिद्ध लाइब्रेरियों में शुमार है। यहां उर्दू ,अरबी व फारसी की प्राचीन अद्भुत किताबें हैं। तीन खंडों पर आधारित रामायण जो कि 1715 ईस्वी में सुमेर चंद्र द्वारा मैनुस्क्रिप्ट बादशाह  फररुखसेर के निर्देशन में तैयार किया गया था। छात्राओं ने देखा कि उस युग की रामायण को रजा लाइब्रेरी में 2010 ईस्वी में हिंदी में अनुवाद किया गया है। इसके अतिरिक्त हजरत अली के हाथ का लिखा कुरान जो 14 सौ वर्ष पहले ऊंट की खाल पर लिखा गया था। इतना ही नहीं काफी प्राचीन नायाब बेश कीमत अदबी मजहबी तारीखी और हर किस्म की पुस्तके स्मारक व प्रतिमाएं बेहद हिफाजत से रखी गई है, जिन्हें देख कर छात्राओं ने बहुत कुछ सीखा और इतिहास के बारे में जाना। कुछ छात्राओं ने यह जाना की पुस्तकों की हिफाजत लंबे समय तक किस प्रकार की जा सकती है। इस मौके पर उर्दू विभाग से डॉ जेबा नाज, डॉ. गुलशन आरा आदि ने छात्रों का मार्गदर्शन किया।

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