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Moradabad: कुंदरकी में कच्ची छत गिरी, गरीब परिवार बेघर—सरकारी योजनाओं पर सवाल

Moradabad: पीड़ित मजदूर गालिब का आरोप है कि उसने ग्राम प्रधान और डूडा विभाग से कई बार सरकारी आवास दिलाने की गुहार लगाई, लेकिन हर बार उसे सिर्फ बहाने और आश्वासन ही मिले।

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Narendra Singh
वाईबीएन

Photograph: (moradabad)

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मुरादाबाद वाईबीएन संवाददाता  बरसात की मार झेल रहे गरीब मजदूर गालिब का कच्चा मकान सोमवार को अचानक ढह गया। गनीमत रही कि उसकी पत्नी, चार बेटियां और नाबालिग बेटा किसी तरह सुरक्षित बच गए।

बारिश का पानी घर में भर गया और सामान मलबे में दब गया

हादसा मुरादाबाद के कुंदरकी ब्लॉक के चक फाजलपुर गांव में हुआ। बारिश का पानी घर में भर गया और सामान मलबे में दब गया। अब गालिब और उसका परिवार खुले आसमान के नीचे जिंदगी गुजारने को मजबूर है। पीड़ित मजदूर गालिब का आरोप है कि उसने ग्राम प्रधान और डूडा विभाग से कई बार सरकारी आवास दिलाने की गुहार लगाई, लेकिन हर बार उसे सिर्फ बहाने और आश्वासन ही मिले। गांव के लोगों का कहना है कि अगर गालिब ने “सुविधा शुल्क” यानी रिश्वत दी होती, तो उसे अब तक आवास योजना का लाभ मिल चुका होता।

सरकारी आवास योजना में व्याप्त भ्रष्टाचार और लापरवाही की खुलीं पोल 

गालिब ने रोते हुए कहा—“क्या गरीब को भी छत पाने के लिए रिश्वत देनी होगी? सरकार योजनाएं चला रही है, लेकिन यहां कोई सुनवाई नहीं।”इस घटना ने एक बार फिर सरकारी आवास योजना में व्याप्त भ्रष्टाचार और लापरवाही की पोल खोल दी है। केंद्र और राज्य सरकार जहां गरीबों को मकान देने का दावा करती हैं, वहीं जमीनी स्तर पर योजनाएं प्रधानों और अफसरों की जेब गर्म करने का जरिया बनकर रह गई हैं।

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