मुरादाबाद वाईवीएन संवाददाता। ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव को लेकर मुरादाबाद में रिटायर्ड मेजर जेपी सिंह ने अहम टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि भारत की नीति स्पष्ट है वह ईरान और इजरायल दोनों का मित्र है। लेकिन ईरान का परमाणु शक्ति बनने की दिशा में बढ़ना न केवल इजरायल बल्कि अमेरिका और अन्य देशों के लिए भी खतरे की घंटी था।
अमेरिका ने इजरायल का क्यों दिया साथ
उन्होंने कहा कि ईरान का उद्देश्य न्यूक्लियर पावर बनना था, जिससे भविष्य में इजरायल समेत कई देशों को सुरक्षा संकट का सामना करना पड़ सकता था। इसी आशंका के चलते इजरायल ने ईरान के न्यूक्लियर सेंटर पर हमला किया। मेजर जेपी सिंह ने बताया कि इजरायल के हमले में ईरान को भारी नुकसान झेलना पड़ा है। बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई है और बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि युद्ध का सीधा असर आर्थिक स्थिति पर पड़ता है और सबसे बड़ा नुकसान जानमाल का होता है।
अमेरिका पहले पाकिस्तान के पक्ष में खड़ा होता था लेकिन अब उसने खुलकर इजरायल का साथ दिया है। इसका कारण यह है कि अमेरिका को भी ईरान की परमाणु शक्ति बनने की मंशा से खतरा महसूस हुआ। मेजर जेपी सिंह ने स्पष्ट किया कि भारत हमेशा से ही संतुलित विदेश नीति का पक्षधर रहा है। भारत ने न कभी किसी का अंध समर्थन किया और न ही किसी के खिलाफ रहा। भारत आज भी ईरान और इजरायल दोनों से अच्छे रिश्ते बनाए रखने की कोशिश कर रहा है।
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