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आम तौर पर शहरों में ट्रैफिक सिग्नल इसलिए लगाया जाता है, जिससे शहर की ट्रैफिक व्यवस्था बेहतर हो और लोगों को ट्रैफिक जाम में ना फंसना पड़े। मगर मुरादाबाद में इसका ठीक उलट है। मुरादाबाद एक ऐसा शहर हैं, जहां पर चौराहों पर लगाये ट्रैफिक सिग्नल जाम की मुख्य वजह बन गए हैं। इसलिए शहर के अधिकांश चौराहों पर लगे ट्रैफिक सिग्नल को यातायात पुलिस बंद करके रखती है,जिससे शहर की ट्रैफिक को जाम का सामना ना करना पड़े। ऐसा हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि मुरादाबाद के ट्रैफिक एसपी सुभाष गंगवार का खुद का भी यही मानना है। उनका कहना है कि मुरादाबाद में मैन्युल ही काम करने से जाम नहीं लगता है और ट्रैफिक व्यवस्था भी प्रभावित नहीं होती है।
शहर के मुख्य चौराहों की जानें ट्रैफिक व्यवस्था
फव्वारा चौराहा
पीली कोठी चौराहा और लाकड़ी चौराहा अन्य चौराहाें से जुड़ा हुआ है। यह शहर का मुख्य चौराहा है। यहां सबसे ज्यादा ट्रैफिक रहता है। काशीपुर रोड, दिल्ली रोड और कांठ रोड का सारा ट्रैफिक फव्वारा चौराहे से होकर गुजरता है। यहां पर ट्रैफिक का भारी दबाव रहता है।
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इंपीरियल तिराहा
शहर के स्टेशन रोड के पास का इस चौराहे वाहनों का आवागमन काफी तादाद में होता है। यहां से संभल चौराहे की ओर वाहन नहीं जा सकते है। मुरादाबाद में ईद की नमाज के दौरान वाहनों का आना जाना भारी ट्रैफिक के दबाव के चलते प्रतिबंधित कर दिया गया था। इसलिए यहां पर ट्रैफिक सिग्नल को बंद करके मैन्युल की ट्रैफिक पुलिस वाहनों को नियंत्रित करती है।
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हनुमान मूर्ति चौराहा
इस चौराहे पर उत्तराखंड के काशीपुर और संभल की ओर जाने व आने वाले वाहनों का भारी ट्रैफिक दबाव रहता है। इसलिए यहां पर लगी लालबत्ती को हमेशा बंद करके रखा जाता है, जिससे की आवागमन में बाधा उत्पन्न ना हो। वहीं दूसरी वजह यह भी है कि निर्माणाधीन पुल के कारण रास्ते को बंद कर दिया गया है।
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सारा दारोमदार ट्रैफिक सिपाही पर
जब से ट्रैफिक सिग्नल ट्रैफिक जाम की वजह बन गए। तब से सारा दारोमदार ट्रैफिक सिपाही के ऊपर है। उसे ही ट्रैफिक व्यवस्था को नियंत्रित करके चलना है। हालांकि जब ट्रैफिक सिग्नल इसलिए लगाए गए थे, जिससे कोई ट्रैफिक रूल को तोड़ता है तो कंट्रोल रूम से उसका चालान कट जाए। शहर के चौराहों रेड लाइट का कंट्रेल साइबर पुलिस थाना में बनाया गया है।
जब जरूरत नहीं तो क्यों खर्च किये करोड़ों रुपये
सवाल इस पर उठता है, जब मुरादाबाद में ट्रैफिक सिग्नल की जरूर ही नहीं थी, तब स्मार्ट सिटी के तहत मिले बजट को अनावश्यक तौर क्यों ट्रैफिक सिग्नल लगाने में बर्बाद किया गया। हालांकि कोई काम करने से सर्वे किया जाता है। मगर यहां जैसे तैसे बजट को खपाना और बिल-बाउचर पर भुगतान करना था। आखिर यह जनता के धरना दुरुपयोग है या नहीं।
आईये, जानते हैं क्या कहते हैं ट्रैफिक एसपी, मुरादाबाद
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एसपी ट्रैफिक सुभाष गंगवार ने बताया कि कोई ट्रैफिक लाइट खराब नहीं है बल्कि हम लोग ट्रैफिक व्यवस्था को बनाये रखने के लिए मैन्युल तरीके से ही काम कर रहे हैं। ट्रैफिक सिग्नल को ऑन कर दिया जाता जाम बहुत अधिक लग जाता है। हनुमान मूर्ति चौराहे से पंडित नगला पुल निर्माण होने के कारण रास्ता बंद है, जहां ट्रैफिक लाइट की जरुरत नहीं है, जब जरुरत होगी तब ट्रैफिक लाइट को फिर से शुरू कर दिया जायेगा।
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