मुरादाबाद, वाईबीएन संवाददाता।
बौद्ध जन कल्याण समिति के पदाधिकारी सोमवार को सिविल लाइंस स्थित अंबेडकर पार्क में एकत्र हुए। उसके संगठन के पदाधिकारी कलेक्ट्रेट पहुंचे। यहां पहुंचकर जिला अधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा। ज्ञापन के माध्यम से महाबोधि महाबिहार टेंपल एक्ट 1949 को बिना शर्त शीघ्र ही रद्द किए जाने की मांग की।
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पुलिस द्वारा भिक्षुओं पर न किया जाए अत्याचार
संगठन के जिला अध्यक्ष विमल धीर ने बताया कि जिला-गया में बिहार प्रदेश को हिंदू ब्राह्मण से मुक्त करने के लिए भिक्षुओं द्वारा शांतिपूर्ण देशव्यापी जनआंदोलन किया जा रहा है, जिसका महानगर के सभी सामाजिक व धार्मिक संगठन समर्थन करते हैं, मगर बिहार पुलिस द्वारा शांतिपूर्ण जनआंदोलन कर रहे निर्दोष भिक्षुओं पर अत्याचार किए जा रहे हैं। संगठन पूरी तरह इसकी निंदा करता है। उन्होंने कहा कि महाबोधि महाबिहार पर ब्राह्मणों का अवैध कब्जा है और यह कब्जा ब्राह्मणों ने कानून बनाकर कराया है। इसके साथ ही महाबिहार टेंपल एक्ट 1949 बनाकर ब्राह्मणों को महाबोधि महाबिहार का मालिक दिखाया गया है। जबकि ब्राह्मण उक्त स्थान को अपवित्र मानते हैं।
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हमारी मांग जल्द से जल्द हो पूरी
महासचिव डॉ रामपाल सिंह ने कहा की उक्त ट्रस्ट में कुल 9 सदस्य होते हैं, जिसमें चार सदस्य बौद्ध और चार सदस्य हिंदू व अध्यक्ष जिलाधिकारी होता है, जो कि अधिकांश हिंदू सोच का होता है। ऐसे में अधिकांश 9 में से पांच सदस्य हिंदू रहते हैं,तो वह अपनी मनमानी पर उतारु रहते हैं, जबकि जस्टिस मक जेफ रसन ने 1894 में महाबोधि महाबिहार विवाद पर ऐतिहासिक फैसला दिया था कि महाबोधि महाबिहार मूलतः बौधों का पवित्र स्थल है और वैदिक ब्राह्मण का उस पर से कब्जा हटना चाहिए,मगर अभी तक नहीं हट सका है। ऐसे में जल्द से जल्द हिंदू ब्राह्मण का गैर संवैधानिक अवैध कब्जा हटना चाहिए। इसके साथ ही महाबोधि महाबिहार के लिए चलाए जा रहे शांतिपूर्ण जनआंदोलन में भिक्षुओं पर बिहार पुलिस द्वारा उत्पीड़न नहीं किया जाना चाहिए। अगर जल्द से जल्द हमारी मांगों को नहीं पूरा गया किया गया, तो अगला कदम उठाने के लिए हम लोग बाध्य होंगे।