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Moradabad: मुरादाबाद में प्राचीन मंदिर को तोड़कर कांप्लेक्स बनाए जाने का मामला फिर तूल पकड़ा

Moradabad: प्राचीन वेंकटेश्वर मंदिर तोड़कर बनाए जा रहे अवैध कमर्शियल कंपलेक्स मामले में सीबीआई जांच की मांग की गई है। इसके बाद यह मुद्दा गरमा गया है।

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YBN Editor MBD
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Photograph: (Moradabad)

मुरादाबाद वाईवीएन संवाददाता  प्राचीन वेंकटेश्वर मंदिर तोड़कर बनाए जा रहे अवैध कमर्शियल कंपलेक्स मामले में सीबीआई जांच की मांग की गई है। इसके बाद यह मुद्दा गरमा गया है। बता दें कि कुछ माह पूर्व सदर कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत रेती मोहल्ला गुलाल गली के मोड पर स्थित सार्वजनिक एवं प्राचीन मंदिर को अपने निजी संपत्ति बताते हुए एक दबंग द्वारा तोड़ दिया गया। एवं वहां पर तेजी के साथ कमर्शियल कंपलेक्स का निर्माण शुरू करा दिया गया।

तेजी के साथ कमर्शियल कंपलेक्स का निर्माण शुरू करा दिया गया

प्राचीन वेंकटेश्वर मंदिर तोड़कर बनाए जा रहे अवैध कमर्शियल कंपलेक्स मामले में सीबीआई जांच की मांग की गई है। इसके बाद यह मुद्दा गरमा गया है। बता दें कि कुछ माह पूर्व सदर कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत रेती मोहल्ला गुलाल गली के मोड पर स्थित सार्वजनिक एवं प्राचीन मंदिर को अपने निजी संपत्ति बताते हुए एक दबंग द्वारा तोड़ दिया गया। एवं वहां पर तेजी के साथ कमर्शियल कंपलेक्स का निर्माण शुरू करा दिया गया।

अचानक हुई इस घटना से क्षेत्र के लोग हैरान रह गए। जानकारी के मुताबिक मंदिर में भगवान वेंकटेश की अष्टधातु की बहुमूल्य मूर्तियां थीं। जिन्हें मंदिर से निकालकर दबंग द्वारा अपने घर में रख लिया गया। मामला संज्ञान में आने पर इस मुद्दे को महानगर के वरिष्ठ अधिवक्ता एवं भारतीय किसान मजदूर यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर ओमवीर सिंह ने प्रमुखता के साथ उठाया। क्षेत्र वासियों की आस्था एवं श्रद्धा पर चोट होते देख उन्होंने इस प्रकरण की शिकायत तुरंत मुरादाबाद विकास प्राधिकरण और स्थानीय प्रशासन से की।

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किंतु उनकी शिकायत का कोई संज्ञान नहीं लिया गया। उधर दबंग पौरूष द्विवेदी तेजी के साथ मंदिर के स्थान पर अवैध कमर्शियल कंपलेक्स का निर्माण कराता रहा।

ठाकुर ओमवीर सिंह का कहना है, कि जब उन्होंने मुख्यमंत्री कार्यालय में पूरे प्रकरण की शिकायत की। तो वहां से जांच के आदेश होने पर मुरादाबाद विकास प्राधिकरण हरकत में आया और मुकदमा दर्ज कर निर्माण कार्य को रोकने का आदेश दे दिया गया। किंतु उसके बावजूद भी प्राधिकरण के अधिकारियों की मिली भगत से दबंग पौरूष द्विवेदी अवैध कॉम्प्लेक्स के निर्माण को जारी रखे हुए है। ठाकुर ओमवीर सिंह का कहना है कि प्राधिकरण के ही एक कर्मचारी की मिलीभगत से पौरूष द्विवेदी द्वारा फर्जी नक्शा बनाकर प्राधिकरण में जमा कराए जाने की भी उनके पास सूचना आई है।

ठाकुर ओमवीर सिंह का कहना है कि बिना मालिकाना हक के नक्शा कैसे तैयार कर लिया गया। वह प्राचीन भगवान वेंकटेश के मंदिर की जगह है। वहां कमर्शियल कंपलेक्स का निर्माण नहीं हो सकता। वैसे भी वह क्षेत्र आवासीय है। आवासीय क्षेत्र में कमर्शियल निर्माण कैसे किया जा रहा है? तमाम शिकायतों के बाद भी अवैध कॉम्प्लेक्स को सील क्यों नहीं किया जा रहा है? ठाकुर ओमवीर सिंह का कहना है कि उन्होंने पत्र लिखकर मुख्यमंत्री योगी से पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच कराए जाने की मांग की है। ताकि इस खेल में दबंग और अधिकारियों की मिलीभगत का खुलासा हो सके। साथ ही उन्होंने सरकार से उक्त जगह को अपने नियंत्रण में लेने का अनुरोध किया है ताकि हिंदू आस्था और विश्वास के प्रतीक भगवान वेंकटेश के मंदिर को उसी जगह पर पुनर्स्थापित किया जा सके।

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