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अल्पसंख्यक वर्ग के शिक्षित युवाओं को सरकार ने कारोबार करने और रोजगारयुक्त बनाने के लिए ऋण दिया। मगर इन युवाओं ने ऋण लेने के बाद सरकार के पैसे को वापस करना जरूरी नहीं समझा। अब उन्हें नोटिस भेजकर पौने दो करोड़ रुपये वापस करने के लिए कहा गया है।
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जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी एवं जिला प्रबंधक उत्तर प्रदेश, अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम लि. दिलीप कुमार ने बताया कि प्रदेश सरकार ने 1995 से 2009 के बीच टर्मलोन योजना शुरू की थी। जिससे ऋण लेकर युवा रोजगार कर सकें। योजना के तहत लोन की धनराशि अदायगी के लिए विभाग द्वारा बकायेदारों को कई बार सूचित किया गया, लेकिन उसके बाद भी अधिकांश बकायेदारों ने ऋण की अदायगी समय से नहीं की।
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अब विभाग की ओर से जिले के 10 बड़े बकायेदारों की सूची भेजी गई है, जिसके आधार पर इन 10 बड़े बकायेदारों पर ही 1.76 करोड़ रुपये बकाया है। उन्होंने बताया कि इन टॉप टेन बकायेदारों ने 16.85 लाख रुपये का ऋण लिया था और करीब 6.86 लाख रुपये ही जमा किए गए। इनमें से अधिकांश लाभार्थियों ने वर्ष 1997 से 2003 के बीच की अवधि में ऋण लिया था। इतने समय बाद भी लोन जमा न किये जाने के कारण ब्याज सहित धनराशि करीब 1.76 करोड़ हो गई। शीघ्र ऋण जमा न करने पर आरसी जारी करने की भी चेतावनी दी गई है।