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नोएडा में 561 लोकेशन पर लगेंगे 2634 कैमरे, 212 करोड़ का है प्रोजेक्ट

नोएडा सेफ सिटी प्रोजेक्ट के तहत 561 लोकेशन पर 2634 कैमरे लगाए जाएंगे। ये पांच प्रकार के कैमरे होंगे। इसके लिए प्राधिकरण ने टेंडर जारी कर दिया है। इस प्रोजेक्ट पर करीब 212 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

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YBN News
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नोएडा प्राधिकरण की बैठक। Photograph: (flie)

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नोएडा, वाईबीएन संवाददाता। 

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नोएडा सेफ सिटी प्रोजेक्ट के तहत 561 लोकेशन पर 2634 कैमरे लगाए जाएंगे। ये पांच प्रकार के कैमरे होंगे। इसके लिए प्राधिकरण ने टेंडर जारी कर दिया है। इस प्रोजेक्ट पर करीब 212 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके लिए शहर भर में करीब 250 किमी की ऑपटिकल फाइबर का इंफ्रास्ट्रक्चर बनाना होगा। इसे कमांड कंट्रोल सेंटर से अटैच किया जाएगा।  22 अप्रैल को इसकी प्री बिड बैठक होगी। जिसमें आने वाली कंपनियां अपनी समस्या बता सकती है। इसके बाद 16 मई को टेंडर खोला जाएगा।  इस योजना में नोएडा के 13 थानों को भी जोड़ा जाएगा। यहां से थाने लाइव मॉनिटरिंग कर सकेंगे। इसके लिए अलग से सेक्टर-94 में कमांड कंट्रोल रुम बनाया जाएगा। इसका इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने का काम प्राधिकरण करेगी। इंफ्रास्ट्रक्चर बनने के बाद नोएडा पुलिस कमिश्नरेट को इसे हैंडओवर कर दिया जाएगा। ये वीडियो वॉल से 24 घंटे शहर की लाइव मॉनिटरिंग की जा सकेगी।  

इस प्रकार के लगाए जाएंगे कैमरे 

561 लोकेशम पर 1543 फिक्स सर्विलांस कैमरे (4एमपी) 
561 लोकेशन पर 406 जूम कैमरे (2 मेगा पिक्सल )
100 कैमरे ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकगिनेशन (8 मेगापिक्सल) 

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फेस डिडेक्शन कैमरे। 

सेंस्टिव प्लेस और चौराहों पर पेनिक बटन कॉल बाक्स

सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए सेंसटिव स्थान और चौराहों पर 147 इमरजेंसी पेनिक बटन कॉल बॉक्स लगाए जाएंगे। इसके बटन को प्रेस करते ही ऑटोमेटिक कॉल नजदीक चौकी या थाने में पहुंच जाएगी। साथ ही आपको कैमरों की मदद से ट्रैस किया जाने लगेगा। इसके अलावा 418 पब्लिक एड्रेसिंग सिस्टम लगाया जाएगा। ये सिस्टम स्पीकर बेस्ट होगा। जिससे इमरजेंसी या कोई अन्य सूचना पब्लिक को दी जा सके। 20 की संख्या में साइन बोर्ड लगाए जाएंगे। 

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कैमरे के सामने आते पकड़ा जाएगा बदमाश

बदमाशों का डाटा पहले से ही पुलिस के पास उपलब्ध है। अगर कोई अपराधी जिसकी तलाश पुलिस को है। उसका डेटा अपलोड होते ही वो इनमें से किसी भी कैमरे के पास निकाला तो उसकी लाइव लाइव लोकेशन और पहचान तुरंत कंट्रोल रूम में दिख सकेगी। इसके अलावा कैमरों की मदद से वाहनों की नंबर प्लेट और उनमें बैठे लोगों की पहचान भी साफ तौर पर की जा सकेगी।

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