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Noida Sports City से जुड़ी 44 फाइलें खोलेंगी भ्रष्टाचार, CBI ने तीन बिल्डर्स पर की थी एफआईआर

इलाहाबाद हाइकोर्ट के आदेश पर नोएडा स्पोर्ट्स सिटी घोटाले में सीबीआई और ईडी जांच का आदेश दिया है। इस मामले में सीबीआई ने तीन एफआईआर दर्ज की है।

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Jyoti Yadav
Noida Sports City से जुड़ी 44 फाइलों खोलेंगी भ्रष्टाचार, CBI ने तीन बिल्डर पर की थी एफआईआर
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नोएडा, वाईबीएन संवाददाता | स्पोर्टस सिटीसे जुड़े मामले में सीबीआई सख्त एक्शन ले सकती है। जिन तीन बिल्डर कंसोर्टियम के खिलाफ सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की थी, उससे संबंधित सभी 44 फाइल वो अपने साथ ले गई है। इस मामले में अब तत्कालीन अधिकारियों को नोटिस जारी कर उनसे पूछताछ कर सकती है। वहीं लोक लेखा समिति भी स्पोर्टस सिटी मामले में लगी सीएजी की आपत्तियों का निवारण के लिए जवाब मांगे जा रहे हैं। 

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इलाहाबाद हाइकोर्ट के आदेश परनोएडा स्पोर्ट्स सिटी घोटाले में सीबीआई और ईडी जांच का आदेश दिया है। इस मामले में सीबीआई ने तीन एफआईआर दर्ज की है। पहली एफआईआर लॉजिक्स इंफ्रा डेवेलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और दूसरी लोटस ग्रीन कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड और तीसरी एफआईआर जनायडु स्टेट पर की गई है । तीनों पर 2011 से 2017 तक बिल्डरों, कंसोर्टियम, और नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ मिलकर कथित तौर पर घर खरीदारों के पैसे हड़पने का आरोप है।

इन बिल्डर आवंटन की ले गई फाइल

इस एफआईआर के बाद करीब 10 से ज्यादा बार सीबीआई प्राधिकरणआ चुकी है। यहां से दस्तावेज ले जा चुकी है। इसके अलावा फिजिकल दौरा भी किया गया। ऐसे में अब तक  जनाडु इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड (कंर्सोटियम)  सेक्टर-78, 79 ओर 101, लॉजिक्स इंफ्रा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड एससी-01/150 और लोट्स ग्रीन्स कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड (कंर्सोटियम)  एससी-02/150 के आवंटन से संबंधित 44 फाइल ले जा चुकी है। इन फाइलों को खंगाला जा रहा है। 

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जल्द होगी तत्कालीन अधिकारियों से पूछताछ 
ये आवंटन 2010-11 से लेकर 2015-16 के बीच के है। इस दौरान इन फाइलों पर करीब 50 अधिकारियों के साइन हुए थे। जिन अधिकारियों के साइन हुए उन सभी नोटिस भेजने की तैयारी सीबीआई कर रही है। इन सभी से पूछताछ की जा सकती है। बता दे इससे पहले सीबीआई नोएडा प्राधिकरण में स्पोर्टस सिटी आवंटन और नितियों से वाकिफ हो चुकी है।  

सीएजी ने 9000 करोड़ का बताया घोटाला

बता दे सीएजी ऑडिट में स्पोर्ट्स सिटी आवंटन में बड़ी वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा किया था। जिससे नोएडा प्राधिकरण और राज्य सरकार को 9000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। ऑडिट में पाया गया कि डेवलपर्स को जमीन कम कीमत पर दी गई। डेवलपर्स द्वारा नोएडा प्राधिकरण को साइड लाइन करते हुए स्वामित्व का अनधिकृत हस्तांतरण किया गया। लीज प्रीमियम, जुर्माना और ट्रांसफर चार्ज तक नहीं दिए गए। साथ ही खेल के बुनियादी ढांचे के पूरा न होने के बावजूद अधिभोग प्रमाण पत्र जारी किए गए थे।

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प्राधिकरण कर रहा कानूनी सलाहकार का चयन

नोएडा स्पोर्टस सिटी मामले लीगल एक्शन के लिए प्राधिकरण एक कानूनी सलाहकार का चयन कर रहा है । ये लीगल एक्सपर्ट उच्च न्यायालय में विभिन्न रिट याचिकाओ में 24 फरवरी 2025 के आदेशों का पालन सुनिश्चित कराने और स्पोर्टस सिटी के विभिन्न प्रकरण में समय बद्ध कार्यवाही सुनिश्चित करने का काम करेगी। सीईओ लोकेश एम ने बताया कि हम जल्द ही एक लीगल एक्पर्ट का चयन करेंगे। बता दे स्पोर्टस सिटी से संबंधित बिल्डरों ने हाइकोर्ट के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में भी रिट फाइल की है।

इसलिए यदि कोर्ट इस मामले से संबंधित कोई भी जवाब प्राधिकरण से मांगता है तो समय से ही इसे फाइल किया जा सके। वहीं स्पोर्टस सिटी से संबंधित सभी फाइल सीबीआई को भेजी जा चुकी है। फाइलों से संबंधित जवाब देने के लिए ओएसडी स्तर के एक अधिकारी को नोडल बनाया गया है। वही अधिकारी ही सीबीआई से इंट्रेक्ट होते है और जवाब भी दे रहे है।

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