ग्रेटर नोएडा, वाईबीएन संवाददाता।
ग्रेटर नोएडा में 750 एकड़ का इंटीग्रेटड इंडस्ट्रियल टाउनशिप नाम से एक स्मार्ट और सुरक्षित शहर बनने के लिए तैयार है। यह टाउनशिप दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर (डीएमआईसी) का हिस्सा है और इसे डीएमआईसी इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप ग्रेटर नोएडा लिमिटेड (डीएमआईसी आईआईटीजीएनएल) द्वारा विकसित किया जा रहा है। यहां सभी नागरिक सेवाएं सेंट्रल डिजिटल सिस्टम से आपरेट की जाएंगी। एक हाई-टेक कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (सीसीसी) पानी बिजली से लेकर यातायात, सुरक्षा और वेस्ट मैनेजमेंट तक पर नजर रखेगा।
टाउनशिप को मॉर्डन इंडस्ट्री, रेजिडेंशियल, कामर्शियल और सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसका उद्देश्य 50,000 से अधिक नौकरियां पैदा करना और लगभग 30,000 लोगों के लिए आवास देना है। अधिकारियों ने कहा कि यहां पानी की आपूर्ति, बिजली, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट , सीवरेज, यातायात और सुरक्षा जैसी सभी आवश्यक सेवाओं को हाइटेक टेक्नोलॉजी का उपयोग करके मैनेज किया जाएगा। टाउनशिप के हर हिस्से पर निगरानी रखी जाएगी। जिसके लिए लगभग 140 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।
ANPR कैमरे और सेंसर लगेंगे
वाहनों पर नजर रखने, यातायात एवं सुरक्षा प्रबंधन को बढ़ाने के लिए ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकोगनेशन (एएनपीआर) तकनीक वाले कैमरों को शामिल किया गया है। रियल टाइम में वायु गुणवत्ता और मौसम की निगरानी के लिए प्रमुख स्थानों पर पर्यावरण सेंसर लगाए जाएंगे। जिससे आपात स्थिति या प्राकृतिक आपदाओं में त्वरित कार्य किया जा सके। इंडस्ट्री के कर्मचारियों को रियल टाइम इमरजेंसी अलर्ट, सार्वजनिक नोटिस देने के लिए कई चिन्हित स्थानों पर डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड, जिन्हें वेरिएबल मैसेज डिस्प्ले (वीएमडी) लगाए जाएंगे।
19 में से चार फर्म ने किया आपरेशनल
इस टाउनशिप में अब तक 19 औद्योगिक कंपनियों को भूखंड आवंटित किए है। इसमें से चार प्रमुख फर्म हायर, चेनफेंग, फॉर्म और जे वर्ल्ड ने पहले ही संचालन शुरू कर दिया है। टाउनशिप अब अपने इंटीग्रेटड पहल के लिए ग्रुप हाउसिंग और कामर्शियल भूखंडों के लिए नई योजनाएं शुरू करने की योजना बना रही है। इसके अलावा ग्रेटरनोएडा प्राधिकरण के ISTMS के 2700 सर्विलांस कैमरों से भी इंटीग्रेटड टाउन शिप को जोड़ा जाएगा। यहां स्मार्ट वर्क के लिए सिटी का सारा बुनियादी ढांचा फाइबर-टू-द-एक्स (FTTX) आर्किटेक्चर पर आधारित हाई-स्पीड फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क पर चलेगा। यह सभी फील्ड डिवाइस और सिस्टम के लिए तेज़ इंटरनेट कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगा, साथ ही भविष्य में इसे और भी बेहतर बनाया जा सकेगा।
सार्वजनिक सेवा के लिए ऑनलाइन प्लेटफार्म
सभी सार्वजनिक सेवाओं को ऑनलाइन लाने के लिए एक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म बनाया जाएगा। जिसमें जीआईएस मैपिंग, ऑटोमेटेड बिलिंग, ऑनलाइन डैशबोर्ड और अन्य विभागवार सेवाएं शामिल होंगी। ये सभी आसान पहुंच और बेहतर स्केलेबिलिटी के लिए क्लाउड प्लेटफ़ॉर्म पर होस्ट की जाएंगी। इसका प्रयोग पब्लिकली होगा। जिस पर इंडस्ट्रिलियस्ट और यहां रहने वाले लोग उपयोग में ला सकेंगे।
अन्य यूटिलिटीस जिसमें बिजली, पानी SCADA सिस्टम, वेस्ट निपटारा, स्मार्ट स्ट्रीटलाइटिंग जैसे कार्य अलग-अलग एजेंसियों द्वारा किया जाएगा। उन्हें भी CCC के साथ एकीकृत किया जाएगा। वर्तमान में यहां बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे सड़कें, पाइपलाइन, जल निकासी, स्ट्रीटलाइट और बिजली ट्रांसमीशन पूरे हो चुके हैं। सबस्टेशन और रिंग मेन यूनिट (RMU) सहित बिजली का काम भी पूरा हो चुका है।
स्मार्ट सिटी के लिए MSI होगा नियुक्त
स्मार्ट सिटी सिस्टम को लागू करने के लिए, DMIC IITGNL ने एक मास्टर सिस्टम इंटीग्रेटर (MSI) नियुक्त करने के लिए आरएफपी जारी की है। ये पूरे सेटअप को डिजाइन, आपूर्ति, स्थापित, इंटीग्रेटड कर चालू करेगा। MSI चालू होने के बाद पांच साल तक सिस्टम का रखरखाव भी करेगा। कंपनियां इसके लिए 7 मई तक आवेदन कर सकती है।