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नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास पशु बचाव एवं पुनर्वास केंद्र के लिए निविदा जारी

पशु बचाव एवं पुनर्वास केंद्र का निर्माण  नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास किया जाना है, निर्माण का रास्ता अब साफ हो गया है। जू ऑथोरिटी ऑफ इंडिया की मंजूरी के बाद निर्माण कराने के लिए यमुना प्राधिकरण ने  341.93 लाख का निविदा जारी।

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YBN News
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ग्रेटर नोएडा, वाईबीएन संवाददाता। 

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पशु बचाव एवं पुनर्वास केंद्र का निर्माण  नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास किया जाना है, निर्माण का रास्ता अब साफ हो गया है। जू ऑथोरिटी ऑफ इंडिया की मंजूरी के बाद निर्माण कराने के लिए यमुना प्राधिकरण ने  341.93 लाख का निविदा जारी कर दिया है, जिसका निर्माण उद्यान विभाग कराएगा। यहां पर पशुओं के इलाज के लिए मेडिकल सेंटर, कमरे, शेड व डॉक्टर की टीम तक तैनात की जाएगी।

आवेदन की प्रक्रिया 15 से 21 अप्रैल तक चलेगी

हॉर्टिकल्चर विभाग के निदेशक आनंद मोहन ने बताया कि निविदा के तहत आवेदन की प्रक्रिया 15 से 21 अप्रैल तक चलेगी। 23 अप्रैल को सुबह 11 बजे टेक्नीकल बिड खोली जाएगी। इस टेक्नीकल बिड में जो फर्म प्री क्वालिफाई करेंगी, उन्हें ही फाइनेंशियल बिड के लिए आगे बढ़ाया जाएगा। बताया जा रहा है कि मई से इसका काम शुरु हो जाएगा। 

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जेवर में 258 काले हिरण और 176 सारस

बता दें कि वन्य जीव संस्थान देहरादून से जेवर में एयरपोर्ट के आसपास क्षेत्र में अध्ययन करवाया गया था। अध्ययन के तहत एयरपोर्ट के 10 किलोमीटर क्षेत्र में आने वाले जीव-जंतुओं के संरक्षण पर रिपोर्ट मांगी गई थी। क्षेत्र के वन्य जीवों के संरक्षण की योजना और उनकी संख्या को भी जाना गया था। रिपोर्ट में बताया गया था कि जेवर में 258 काले हिरण और 176 सारस हैं। एयरपोर्ट के निर्माण के चलते इनका पारिस्थितिकी तंत्र बिगड़ेगा। इसके चलते इनके संरक्षण की जरूरत है। ऐसे में सेक्टर-17ए में धनौरी वेटलैंड के पास वन्य जीव संरक्षण केंद्र बनाने की योजना बनी थी। 

स्थायी पशु बचाव एवं पुनर्वास केंद्र बनेगा

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पहले इसे पांच वर्ष के लिए अस्थायी तौर पर विकसित किया जाना था। इसके बाद वन्य जीवों का दूसरी जगह पर विस्थापन किया जाता, लेकिन अगस्त में प्राधिकरण ने जमीन की लीज को 30 वर्ष तक बढ़ाकर स्थायी पशु बचाव एवं पुनर्वास केंद्र बनाने पर सहमति बनी। अब प्राधिकरण की ओर से इसका निर्माण शुरू करने के लिए भी टेंडर जारी कर दिया है। पशु बचाव एवं पुनर्वास केंद्र को बनाने के लिए पहले वन विभाग को जिम्मेदारी मिली थी, लेकिन अब इसे हॉर्टिकल्चर विभाग से बनवाने का फैसला लिया गया है।

आठ करोड़ का एस्टीमेट तैयार किया 

 बताया गया कि वन विभाग ने केंद्र को बनाने के लिए करीब आठ करोड़ का एस्टीमेट तैयार किया था, हालांकि अब हॉर्टिक्लचर इसे 341.93 लाख में तैयार करेगा। दावा है कि केंद्र में जानवरों के ठहरने से लेकर इलाज तक की सभी सुविधा होगी।  डॉ.  अरुणवीर सिंह सीईओ यमुना प्राधिकरण ने बताया कि पशु बचाव एवं पुनर्वास केंद्र के लिए टेंडर जारी किया गया है। इसके लिए अनुभवी फर्म का चयन किया जाएगा।

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