ग्रेटर नोएडा, वाईबीएन संवाददाता।
ग्रेटर नोएडा को गाजियाबाद से जोड़ने वाले छपरौला रोड पर रेलवे ओवर ब्रिज अब बनकर तैयार हो चुका है और यहां वाहनों की आवाजाही शुरू हो चुकी है। इस ओवर ब्रिज के बनने से गाजियाबाद से ग्रेटर नोएडा और इसके विपरीत यात्रा करने वाले लोगों को फाटक पर घंटों जाम में नहीं फंसना पड़ेगा। इसके अलावा, यूपी के कई शहरों का सफर अब और आसान हो जाएगा। 13 साल से लोग इस परियोजना के पूरा होने का इंतजार कर रहे थे। अब इस ओवर ब्रिज ने जाम की समस्या का समाधान कर दिया है।
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84.43 करोड़ रुपये आई लागत
छपरौला रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण भारतीय रेलवे और राज्य सरकार के बीच 2012-13 में हुए समझौते के तहत शुरू हुआ था। इस ओवर ब्रिज की लागत करीब 84.43 करोड़ रुपये आई थी, जिसमें से रेलवे को 38.25 करोड़ रुपये और प्रदेश सरकार को 46.18 करोड़ रुपये देने थे। रेलवे ने 2019 में ओवरब्रिज का निर्माण पूरा कर लिया था, लेकिन पीडब्ल्यूडी द्वारा एप्रोच रोड नहीं बनाए जाने के कारण काम अधूरा रह गया। इसके बाद, रेलवे बोर्ड ने नई नीति बनाई और अब पूरी प्रक्रिया को पूरा किया गया।
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लाखों लोगों को होगा फायदा
ओवरब्रिज का निर्माण पूरा होने के बाद ग्रेटर नोएडा वेस्ट से गाजियाबाद, मेरठ, सहारनपुर, बुलंदशहर, अलीगढ़ और अन्य शहरों तक यात्रा करना बहुत आसान हो जाएगा। पहले, छपरौला रेलवे फाटक के कारण यात्रियों को घंटों जाम में फंसा रहना पड़ता था। अब इस ओवरब्रिज के खुलने से जाम की समस्या समाप्त हो जाएगी। इससे छपरौला और आसपास के लाखों लोगों को राहत मिलेगी, क्योंकि वे अब बिना किसी बाधा के अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे।
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13 सालों बाद पूरी हुई परियोजना
ओवरब्रिज के बनने से फाटक पर ट्रैफिक जाम की समस्या हल हो गई है, लेकिन कुछ काम अभी भी बाकी है। जिसे भी जल्द ही पूरा करने की बात कही जा रही है। यह ओवरब्रिज लोगों के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगा, क्योंकि अब यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा। छपरौला फाटक के पास रहने वाले लोग अब बिना किसी रुकावट के अपनी यात्रा कर सकेंगे। यह परियोजना 13 सालों के लंबे इंतजार के बाद पूरी हुई है, और अब आसपास के गांवों और रिहायशी क्षेत्रों में रहने वालों के लिए यात्रा करना आसान हो गया है।
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