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राष्ट्रीय सुरक्षा में स्वदेशी का योगदान-आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ते कदम पर विचार गोष्ठी

शारदा विश्‍वविद्यालय में स्‍वदेशी जागरण मंच ने राष्ट्रीय सुरक्षा में स्वदेशी का योगदान-आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ते कदम विषय पर विचार गोष्ठि आयोजित की। वक्ताओं ने स्वदेशी तकनीकों, रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता और 'मेक इन इंडिया' की भूमिका पर प्रकाश डाला।

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Narendra Aniket
Seminar in Sharda Univ
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ग्रेटर नोएडा, वाईबीएन। स्वदेशी जागरण मंच ने शारदा विवि में 'राष्ट्रीय सुरक्षा में स्वदेशी का योगदान-आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ते कदम' विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया। प्रमुख वक्ताओं ने स्वदेशी तकनीकों, रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता और 'मेक इन इंडिया' जैसी योजनाओं की भूमिका पर प्रकाश डाला। 
गोष्ठी में स्वदेशी जागरण मंच के अखिल भारतीय सह विचार प्रमुख़ डॉ. राजीव कुमार, शारदा विश्वविद्यालय के एसोसिएट डीन रिसर्च डॉ. मोहित साहनी, पूर्व वायुसेना अधिकारी डॉ. दीपक शर्मा व स्वदेशी जागरण मंच के मेरठ प्रांत संयोजक कपिल नारंग ने भाग लिया। 

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केवल सैन्‍य बल पर ही निर्भर नहीं करती सुरक्षा

डॉ. राजीव कुमार ने उद्घाटन भाषण में कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा केवल सैन्य बल पर निर्भर नहीं करती, बल्कि तकनीकी, आर्थिक और औद्योगिक आत्मनिर्भरता भी उसकी मजबूत नींव है। स्वदेशी को बढ़ावा देकर हम न केवल राष्ट्र की सुरक्षा को सुदृढ़ करते हैं, बल्कि आर्थिक समृद्धि की ओर भी कदम बढ़ाते हैं। 

भारत की आत्‍मनिर्भरता समय की आवश्‍यकता

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मुख्य वक्ता डॉ. दीपक शर्मा ने बताया कि उनके 19 वर्षों के सेना अनुभव और आज की परिस्थितियों को देख कर कहा जा सकता है कि भारत को आत्मनिर्भर बनना ही होगा और उसका मार्ग स्वदेशी जागरण से होकर ही जाएगा। इस दौरान कपिल नारंग ने स्वदेशी जागरण मंच की वैचारिक यात्रा पर प्रकाश डाला। गोष्ठी के दौरान विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए और यह चर्चा ज्ञानवर्धक और प्रेरणास्पद सिद्ध हुई। 
शारदा विश्वविद्यालय ने इस आयोजन के माध्यम से युवा पीढ़ी को देश की रक्षा और विकास में सक्रिय भूमिका निभाने हेतु प्रेरित किया। कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन डॉ. मोहित साहनी ने दिया और मंच संचालन डॉ शशांक शर्मा ने किया। इस अवसर पर गिरीश कोटनाला, डॉ. ऋचा तोमर, डॉ. नीरज कौशक, डॉ. गौरव, डॉ. दिव्या त्रिपाठी, डॉ. अमित अत्रि, डॉ सुरेंदर, डॉ. सुशांत, डॉ. अंशु, डॉ. तरुण वार्ष्णेय, डॉ. हरमोहन, डॉ. सतीश, डॉ. कनुप्रिया, डॉ. पंकज त्रिपाठी आदि उपस्थित रहे।

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