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Noida में फर्जी कॉल सेंटर से ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, महिला समेत 11 गिरफ्तार

नोएडा पुलिस ने एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है, जो लोन दिलाने के नाम पर लोगों से ठगी करता था। थाना साइबर क्राइम, सर्विलांस टीम और थाना फेज-1 पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में सेक्टर-16 स्थित इस कॉल सेंटर से 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया।

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Ranjana Sharma
NOIDA POLICE
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नोएडा, आईएएनएस:नोएडा के थाना साइबर क्राइम, सर्विलांस टीम और थाना फेज-1 पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में लोन दिलाने के नाम पर फर्जी कॉल सेंटर के माध्यम से लोगों से ठगी करने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया गया है। इस मामले में 11 अभियुक्तों को नोएडा सेक्टर-16 से गिरफ्तार किया गया है। इनके कब्जे से भारी मात्रा में तकनीकी उपकरण और अनधिकृत डाटा बरामद किया गया है। 

ये आरोपी किए गिरफ्तार

गिरफ्तार अभियुक्तों के नाम विक्रम सिंह, अमन, केशव कुमार झा, अरमान चौधरी, मोहित, राहुल सिंह, फिरोज खान, राहुल कुमार, अक्षय कुमार मिश्रा, पंकज सिंह और दिव्या हैं। सभी आरोपी दिल्ली, गाजियाबाद, आगरा व नोएडा के रहने वाले हैं। पुलिस ने अभियुक्तों के कब्जे से 43 लैंडलाइन फोन, 21 मोबाइल, 5 लैपटॉप, 61 सिम कार्ड, 36 सिम कार्ड के खाली लिफाफे और 2,054 पेजों का ग्राहकों का अनधिकृत डाटा बरामद किया है। यह डाटा 10 फाइलों में संग्रहित था।

अनधिकृत तरीके से लोगों का डाटा एकत्र करते थे

पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया कि वे अनधिकृत तरीके से लोगों का डाटा एकत्र करते थे, जिसमें नाम, पता, मोबाइल नंबर, जन्मतिथि जैसी व्यक्तिगत जानकारियां शामिल होती थीं। इसके बाद वे कस्टमर को फोन कर शून्य प्रतिशत पर ब्याज पर लोन देने का लालच देते थे। फिर उन्हें लोन, रजिस्ट्रेशन और जीएसटी के नाम पर भुगतान करने को कहते थे।

 60 प्रतिशत तक लेता था कमीशन

भुगतान के बाद, ग्राहक के नाम पर बीमा पॉलिसी करवा दी जाती थी और पैसे बीमा कंपनियों के खातों में ट्रांसफर कर दिए जाते थे। इसके बदले गैंग बीमा कंपनियों से 40 प्रतिशत से 60 प्रतिशत तक का कमीशन प्राप्त करता था। इस तरह मासूम लोगों को लोन के नाम पर धोखा देकर ठगा जाता था।
पुलिस के अनुसार, कॉल सेंटर का संचालन गौरव जोशी और उसकी पत्नी नेहा कर रहे थे, जो मौके से फरार हैं। उनके खिलाफ भी गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं। डेस्क फोन की आईएमईआई जांच में पता चला है कि कुछ डिवाइसों पर बेंगलुरु से शिकायत दर्ज है।साथ ही व्हाट्सएप चैट से ऐसे वेंडर्स की जानकारी मिली है, जो लाखों भारतीय नागरिकों का डाटा एक्सेल शीट में उपलब्ध करवा रहे थे। 

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