ग्रेटर नोएडा, वाईबीएन संवादाता। ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित यथार्थ अस्पताल में सोमवार देर रात एक बड़ा हादसा टल गया। अस्पताल की लिफ्ट अचानक बीच में बंद हो गई, जिसमें करीब 16 लोग आधे घंटे तक फंसे रहे। लोगों का आरोप है कि कई बार अस्पताल प्रबंधन और सुरक्षा कर्मचारियों को सूचना देने के बावजूद कोई मदद नहीं मिली।
लोगों की जान पर बन आई, लापरवाही से आक्रोश
लिफ्ट में फंसे लोगों ने अंदर से मदद के लिए पुकार लगाई, लेकिन आधे घंटे तक कोई राहत नहीं मिली। इस दौरान लिफ्ट में मौजूद लोगों में घबराहट और गुस्सा दोनों देखने को मिला। किसी तरह बाहर निकाले जाने के बाद उन्होंने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए।
क्या कहता है लिफ्ट एक्ट 2024?
उत्तर प्रदेश सरकार ने 2024 में 'लिफ्ट एक्ट' लागू किया था, जिसके तहत किसी भी लिफ्ट दुर्घटना की जानकारी 24 घंटे के भीतर जिलाधिकारी और प्राधिकरण को देना अनिवार्य है। जांच के बाद ही लिफ्ट की मरम्मत होगी, लिफ्ट का रजिस्ट्रेशन और समय-समय पर निरीक्षण होना जरूरी है और साल में दो बार मॉकड्रिल कराना अनिवार्य है।
लापरवाही पर सख्त नियम
- दुर्घटना पर भवन मालिक को मुआवजा देना होगा।
- जांच रिपोर्ट के आधार पर जुर्माना और दंडात्मक कार्रवाई हो सकती है।
- सीसीटीवी, इमरजेंसी बेल और ऑटोमैटिक रेस्क्यू सिस्टम लिफ्ट में जरूरी हैं
पुरानी लिफ्टों को भी करना होगा रजिस्ट्रेशन
राज्य में पहले से चल रही करीब 50,000 लिफ्टों को भी छह माह के भीतर पंजीकरण कराना होगा। नियमों का पालन न करने पर बिल्डिंग मालिक पर विलंब शुल्क और कार्रवाई का प्रावधान है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा जैसे शहरों में लिफ्ट सुरक्षा को लेकर अब प्राधिकरणों को भी निरीक्षण के अधिकार दिए गए हैं। किसी भी आपात स्थिति के लिए बिल्डिंग में तैनात कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।