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Elvish Yadav मामले में आज हाईकोर्ट में होगी सुनवाई, चार्जशीट और समन आदेश को रद्द करने की मांग

सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर एल्विश यादव के खिलाफ नोएडा में दर्ज रेव पार्टी और सांप के ज़हर के दुरुपयोग के मामले में आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। एल्विश ने चार्जशीट और समन आदेश को रद्द करने की मांग करते हुए दावा किया है।

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Ranjana Sharma
Elvish Yadav (1)
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नोएडा, आईएएनएस: यूट्यूबर और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर एल्विश यादव के खिलाफ दर्ज रेव पार्टी और सांप के जहर के दुरुपयोग के मामले में सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई होने जा रही है। एल्विश यादव ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर उनके खिलाफ दायर चार्जशीट और जारी समन आदेश को रद्द करने की मांग की है।
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एल्विश यादव पर यह है आरोप

एल्विश यादव पर आरोप है कि उन्होंने रेव पार्टियों का आयोजन किया, जिनमें विदेशी नागरिकों को भी आमंत्रित किया गया। आरोप है कि इन पार्टियों में सांप के जहर और अन्य मादक पदार्थों का सेवन कराया जाता था। शिकायतकर्ता ने दावा किया कि जब उसने एल्विश यादव से संपर्क किया, तो यादव ने उसे एक राहुल नामक व्यक्ति से मिलवाया, जिसने रेव पार्टी आयोजित कराने की बात स्वीकार की। एल्विश यादव के खिलाफ सेक्टर-49 थाना, नोएडा में वन्य जीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की धाराएं 9, 39, 48ए, 49, 50 और 51, भारतीय दंड संहिता की धाराएं 284, 289 और 120बी, और एनडीपीएस एक्ट की धाराएं 8, 22, 29, 30 और 32 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

एल्वि‍श बोले झूठें हैं सारे आरोप 

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याचिका में एल्विश यादव ने कहा है कि मुकदमा दर्ज कराने वाला व्यक्ति वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत अधिकृत नहीं है और उसने पशु कल्याण अधिकारी बनकर झूठा दावा किया है। एल्विश का कहना है कि उनके पास से न तो कोई सांप और न ही कोई मादक पदार्थ बरामद हुआ है। साथ ही, उनके और अन्य अभियुक्तों के बीच कोई प्रत्यक्ष संबंध भी नहीं बताया गया है। एल्विश ने यह भी कहा है कि वह एक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर हैं और विभिन्न टेलीविजन रियलिटी शोज में भी नजर आते हैं। इस वजह से मामला मीडिया में उछाला गया और पुलिस ने अतिरिक्त संवेदनशीलता दिखाते हुए एनडीपीएस एक्ट की धाराएं जोड़ दीं, जो बाद में हटा दी गईं क्योंकि उन्हें साबित नहीं किया जा सका। एल्विश यादव ने अदालत से मांग की है कि उनके खिलाफ दर्ज मुकदमा निराधार है, इसलिए चार्जशीट और समन आदेश को रद्द किया जाए।
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