नोएडा। वाईबीएन नेटवर्क।
काउंटी ग्रुप और उससे जुड़ी कंस्ट्रक्शन कंपनी के ठिकानों पर आईटी की रेड जारी है। बुधवार को नोएडा यूनिट की करीब 30 टीमें वेस्ट यूपी के अलग-अलग शहरों में काउंटी ग्रुप से जुड़े कारपोरेट आफिस में छापेमारी कर रही हैं। माना जा रहा है कि सेल कंपनी के जरिए हेरफेर किया गया है। कैश में ट्रांजैक्शन दिखा दिया है। काफी दिनों से कंपनी के अकाउंट पर आईटी की नजर थी। पुख्ता साक्ष्य और टैक्स में हेराफेरी की जानकारी मिलने पर सर्व कंडक्ट की गई। सर्च सुबह करीब आठ बजे एक साथ शुरू की गई। इसमें नोएडा के अलावा अन्य स्थानों के विभाग से लॉजिस्टिक लिया गया है।
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नोएडा में तीन बड़े प्रोजेक्ट
नोएडा में इसके तीन बड़े प्रोजेक्ट है। हालांकि इसमें किसी का भी मूल आवंटन काउंटी के नाम नहीं है। तीनों बड़े प्रोजेक्ट में ये को-डेवलपर है। इसमें फ्लैट बनाए और ब्रांडिंग की। इसमें नोएडा के सेक्टर-121 में क्लियो काउंटी इसका आवंटन आईवीआर सीएल के नाम पर है। इसी तरह सेक्टर-115 प्रोजेक्ट एंबियंस के नाम पर और सेक्टर-107 में ऐस के नाम पर आवंटित है। तीनों में ही ये को-डेवलपर है। इसी तरह एक और आवंटन सेक्टर-151 शिरजा के नाम पर है। इसमें भी इसके शेयर है।
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कैश ट्रांजैक्शन की मिली जानकारी
ग्रुप की ओर से फ्लैट की खरीदफरोख्त में कैश ट्रांजैक्शन किया गया। जिससे एक बड़े एमाउंट में ट्रैक्स के साथ हेराफेरी की गई। कोलकाता में शेल कंपनियां बनाकर पैसे को डायवर्ट किया गया। जिसके साक्ष्य इनकम टैक्स विभाग को मिले है। इन्ही साक्ष्यों के आधार पर ही टीम ने सर्च कंडक्ट की है। हालांकि कागजी दस्तावेजों और प्राधिकरण में कंपनी का बकाया नहीं है। यानी समय पर समय पर इसने पूरा पैसा जमा किया। मामला कैश ट्रांजैक्शन और डायवर्जन का है।
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कारपोरेट ऑफिस में सर्च
कंपनी का सेक्टर-132 में कारपोरेट आफिस है। टीम ने लैपटॉप और अकाउंट से जुड़े दस्तावेजों को खंगाला है। अब तक कई दस्तावेजों को कब्जे में लिया है। जिसके संबंध में पूछताछ की जा रही है। सर्च लंबी चलने की उम्मीद है। बहरहाल नोएडा , गाजियाबाद , मेरठ में भी इस सिलसिले में सर्च जारी है। कुल मिलाकर 30 लोकेशन बताई गई है। जिसमें 30 टीम काम कर रही है।
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