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Noida में दो चिकित्सकों समेत नौ पर लाखों की धोखाधड़ी का आरोप, कोर्ट के आदेश पर FIR दर्ज

मेडिकल स्टोर खुलवाने का ऑफर देकर 20 लाख रुपये लेने के बाद अस्पताल में एमडी का पद देने के नाम पर एक व्यक्ति के साथ सवा करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा करने के मामले में तीन नामजद और छह अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई है।

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YBN News
एफआईआर

Photograph: (google)

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नोएडा, वाईबीएन नेटवर्क।

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मेडिकल स्टोर खुलवाने का ऑफर देकर 20 लाख रुपये लेने के बाद अस्पताल में एमडी का पद देने के नाम पर एक व्यक्ति के साथ सवा करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा करने के मामले में तीन नामजद और छह अज्ञात के खिलाफ सेक्टर-113 थाने में केस दर्ज हुआ है। जिनके खिलाफ केस दर्ज हुआ है उनमें दो डॉक्टर भी शामिल हैं। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरु कर दी है।

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मेडिकल स्टोर खोलने के नाम पर 20 लाख की धोखाधड़ी

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पुलिस को दी शिकायत में शिकायतकर्ता धीरज गहलौत ने बताया कि 2022 में डॉक्टर रवि और डॉक्टर रंजीत वर्मा ने खुद को एमडी सिटी अस्पताल एलएलपी का मालिक बताते हुए मेडिकल स्टोर खोलने का प्रस्ताव दिया। इसके लिए धीरज को 20 लाख रुपये जमा करने को कहा गया। दोनों की बातों में आकर शिकायतकर्ता ने उनके द्वारा बताए गए खाते में 20 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। मेडिकल स्टोर खुलवाने का लिखित अनुबंध करने का आश्वासन देने के बावजूद दोनों अपने वादे से मुकर गए और अतिरिक्त 40 लाख रुपये लेकर केमिस्ट शॉप गैलेक्सी फॉर्मा को दे दी।

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हिस्सेदारी के नाम पर लिए एक करोड़ 25 लाख रुपये

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जब शिकायतकर्ता ने दोनों चिकित्सकों से अपने पैसे वापस मांगे तो रंजीत वर्मा ने आश्वासन दिया कि भुगतान की गई धनराशि में से डॉक्टर रवि के शेयर का भुगतान कर दिया जाएगा। इसके बाद आरओसी में डॉक्टर रवि का नाम हटवाकर शिकायतकर्ता का नाम जुड़वा दिया जाएगा। इस दौरान डॉक्टर रंजीत वर्मा ने शिकायतकर्ता से यह भी कहा कि नए समझौते के अनुसार डॉक्टर रवि आसानी से समझौते नामे पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे। इसके लिए पहले संदीप वर्मा का नाम और बाद में शिकायतकर्ता का नाम जुड़वाने की बात कही गई। शिकायतकर्ता से अस्पताल में हिस्सेदारी दिलाने के नाम पर अलग-अलग तिथियों में एक करोड़ 25 लाख रुपये लिए गए।

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सुनियोजित योजना के तहत की ठगी

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शिकायतकर्ता को 51 प्रतिशत का हिस्सेदार बनाने का सौदा हुआ था पर उसे 49 प्रतिशत का ही हिस्सेदार बनाया गया। डॉक्टर रवि और रंजीत ने सुनियोजित योजना के तहत शिकायतकर्ता का नाम बैंक में नहीं जोड़ा। एकल हस्ताक्षर कर धनराशि निकाली जाने लगी और यहीं से गबन और ठगी की शुरुआत हुई। शिकायतकर्ता ने जब अस्पताल के आय और व्यय का हिसाब मांगा तो आरोप है कि उसके साथ गाली गलौज की गई। नामजद आरोपियों ने शिकायतकर्ता के अस्पताल आने पर हत्या करवाने की धमकी दी।

बंधक बनाकर कई दस्तावेज पर हस्ताक्षर कराने का आरोप

शिकायतकर्ता का दावा है कि डाक्टर रंजीत का आपराधिक इतिहास भी है। डाक्टर रंजीत पर बिना डिग्रीधारक चिकित्सकों की टीम बनाकर अस्पताल में इलाज के नाम धोखाधड़ी करने का भी आरोप है। शिकायतकर्ता का यह भी आरोप है कि बीते साल सेटलमेंट के लिए डाक्टर रंजीत ने उसे नोएडा बुलाया। यहां रंजीत द्वारा बुलाए गए हथियारबंद और नकाबपोश बदमाशों ने शिकायतकर्ता को बंधक बनाकर कई दस्तावेज पर हस्ताक्षर करा लिए। सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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