नोएडा, वाईबीएन संवाददाता। यमुना के डूब क्षेत्र में फार्म को नोटिस जारी किया जाएगा। ये नोटिस प्राधिकरण देगा। पहले भी कई बार प्राधिकरण फार्म हाउस संचालको को नोटिस जारी कर चुका है। प्राधिकरण ने बताया कि डूब क्षेत्र में खेली के लिए जमीन की खरीदफरोख्त की जा सकती है। लेकिन यहां फार्म हाउस और पक्का निर्माण करना पूरी तरह से अवैध है। ऐसे में करीब 250 फाम्र हाउसों को पहले फेज में नोटिस जारी किया जाएगा। बता दे नोएडा में यमुना का डूब क्षेत्र करीब 5 हजार हेक्टेयर का है। greater noida industry | Greater Noida Authority | greater noida | Noida airport
नोटिस एरियल मैपिंग के आधार पर दिए जाएंगे
ये नोटिस एरियल मैपिंग के बाद दिया जाएगा। जिसमें ये तय हो जाएगा कि डूब क्षेत्र में किस स्थान पर कितने फार्म हाउस बने है। इनका कामर्शियल प्रयोग किया जा रहा है। पुलिस यहां अक्सर रेड करती है। इसके अलावा हिंडन में बने पुराने स्ट्रक्चर को ध्वस्त करने की प्लानिंग अभी नहीं है। लेकिन वहां कोई नया निर्माण नहीं होने दिया जाएगा। यदि होता है तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा। हिंडन में बने फार्म हाउसों को भी ध्वस्त किया जाएगा। बता दे इसके लिए एसडीएम के नेतृत्व में एक टीम बनी है।
एरियल सर्वे और मैपिंग का काम शुरू
बैठक में सीईओ लोकेश एम ने बताया कि यमुना और हिंडन नदी के डूब क्षेत्र में एरियल मैपिंग का काम शुरू कर दिया गया है। वर्तमान में जितना निर्माण हो चुका है उसके फुटेज लिए जा रहे है। इसके बाद यदि यहां अवैध निर्माण बढ़ता है तो संबंधित प्राधिकरण के वरिष्ठ प्रबंधक , लेखपाल और सिचाई विभाग के अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही की जाए। यहां बड़े बड़ बोर्ड लगाए जाए ताकि लोगों को जागरुक किया जा सके कि यहां निर्माण और जमीन खरीदना अवैध है।
यमुना और हिंडन के डूब क्षेत्र में यहां अवैध निर्माण
नोएडा में यमुना सेक्टर-94, 124, 125, 127, 128, 131, 133, 134, 135, 168 के अलावा 150 से होकर निकलती है। इसी तरह हिंडन नदी छिजारसी से प्रवेश करते हुए सेक्टर-63ए, बेहलोलपुर, शहदरा, सुथियाना, गढ़ी चौखंड़ी, सेक्टर-123, 118, 115, 143, 143ए, 148, 150, मोमनाथल के पास यमुना में मिलती है। यह दोनों ही नदियां नोएडा को चारों तरफ से घेरे हुए हैं और नदियों के किनारे की जमीन को ही डूब क्षेत्र कहते हैं, जहां पर खरीद-फरोख्त प्रतिबंध है।
डेढ़ साल में तोड़ चुकी 150 फार्म हाउस
नोएडा प्राधिकरण ने पिछले डेढ़ साल में अभी तक 150 फार्म हाउसों को तोड़ चुकी है। लेकिन प्राधिकरण की ध्वस्तीकरण की कार्रवाई प्रारम्भ होते ही फार्म हाउस संचालक हाईकोर्ट पहुंच गये थे। उन्होंने प्राधिकरण की इस कार्यवाही को गलत ठहराया था। इसके बाद कुछ दिनों तक यह अभियान रूका था, लेकिन बाद में प्राधिकरण ने इन फार्म हाउसों को फिर से ध्वस्त किया था। अब एक बार फिर से फार्म हाउसों के खिलाफ बड़ा अभियान प्रारम्भ करने की तैयारी की जा रही है।