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Noida Cyber Crime: शेयर बाजार के नाम पर साइबर ठगों ने की कारोबारी से 35 लाख की ठगी

नोएडा के सेक्टर-49 निवासी कारोबारी प्रशांत चौबे को 35 लाख रुपये की चपत लगी है। ठगों ने उन्हें आईपीओ (इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग) में निवेश के नाम पर 100 प्रतिशत मुनाफे का लालच देकर ठगा। इस सिलसिले में पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है।

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Mukesh Pandit
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नोएडा, आईएएनएस । नोएडा में शेयर बाजार के नाम पर एक बड़ी साइबर ठगी का मामला सामने आया है, जिसमें सेक्टर-49 निवासी कारोबारी प्रशांत चौबे को 35 लाख रुपये की चपत लगी है। ठगों ने उन्हें आईपीओ (इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग) में निवेश के नाम पर 100 प्रतिशत मुनाफे का लालच देकर ठगा। इस सिलसिले में पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है और अब तक करीब साढ़े तीन लाख रुपये की रकम फ्रीज की जा चुकी है।  

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निवेश पर दोगुना मुनाफे का लालच

पीड़ित कारोबारी को सबसे पहले वाट्सएप पर एक ग्रुप में जोड़ा गया। इस ग्रुप का एडमिन खुद को आईपीओ विशेषज्ञ बताते हुए निवेश पर दोगुना मुनाफे का दावा कर रहा था। शुरुआत में कारोबारी ने शक के चलते थोड़ी राशि निवेश की, जिस पर उन्हें लाभ भी मिला। इससे उनका विश्वास पक्का हो गया और उन्होंने ठगों द्वारा सुझाए गए एक विशेष ऐप को अपने फोन में डाउनलोड कर लिया। ऐप पर निवेश की गई रकम तेजी से बढ़ती हुई दिखाई देने लगी, जो दरअसल एक आभासी ग्राफ था और इसका असलियत से कोई लेना-देना नहीं था। 

कई किस्तों में निकाली रकम

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इस तरह धीरे-धीरे प्रशांत चौबे ने कई किस्तों में कुल 35 लाख 25 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए। जब उन्होंने रकम निकालने की कोशिश की, तो ठगों ने और पैसे निवेश करने का दबाव बनाना शुरू कर दिया। मना करने पर उन्हें ग्रुप से निकाल दिया गया और संपर्क भी समाप्त कर दिया गया। इसके बाद प्रशांत ने साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई। जांच में खुलासा हुआ है कि यह रकम देश के अलग-अलग राज्यों में स्थित विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर की गई है। 

किराए के खातों में कराई ट्रांसफर रकम

कुछ खाते किराए पर लिए गए होने की आशंका जताई जा रही है। साथ ही, जिन खातों में पैसा गया है, उनकी जानकारी जुटाई जा रही है। फिलहाल पुलिस ने 3.5 लाख रुपये की रकम को फ्रीज कर लिया है और बाकी राशि को भी ट्रेस करने का प्रयास जारी है। पीड़ित का यह भी कहना है कि ठगों ने उसे कई दिनों तक निवेश से जुड़ा प्रशिक्षण भी दिया और बताया कि जिस कंपनी में वह निवेश कर रहा है, वह सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) से रजिस्टर्ड है। लेकिन जांच में यह दावा भी फर्जी पाया गया। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए साइबर सेल की विशेष टीम जांच में लगी है और जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी संभव है। 

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