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Noida के सांसद ने सदन में उठाई आवाज, बोले- "यहां जल्द लाए ग्रेनो वेस्ट मेट्रो, ट्रैफिक जाम से मिले राहत"

नोएडा से ग्रेनो वेस्ट रूट पर मेट्रो का संचालन होना है। ये लाइन सेक्टर-51 से नॉलेज पार्क तक जाएगी। प्रदेश सरकार ने इस लाइन को अप्रूव कर दिया है। लेकिन विगत छह महीने से शहरी विकास मंत्रालय के पास ये फाइल पेंडिंग है।

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Jyoti Yadav
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नोएडा, वाईबीएन संवाददाता

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नोएडा से ग्रेनो वेस्ट रूट पर मेट्रो का संचालन होना है। ये लाइन सेक्टर-51 से नॉलेज पार्क तक जाएगी। प्रदेश सरकार ने इस लाइन को अप्रूव कर दिया है। लेकिन विगत छह महीने से शहरी विकास मंत्रालय के पास ये फाइल पेंडिंग है। इस मुद्दे को गुरुवार को सांसद डॉक्टरमहेश शर्मा ने संसद भवन में उठाया। 

उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष की सीट पर पीठासीन संध्या राय के सामने कहा कि " मेरे संसदीय क्षेत्र के नोएडा और ग्रेटर नोएडा शहर उत्तर प्रदेश की शो-विंडो हैं। विश्व पटल पर नोएडा, ग्रेटर नोएडा ने अपनी पहचान बना ली है। ग्रेटर नोएडा वेस्ट में इस समय 8 लाख से अधिक की आबादी है। बड़ी संख्या में ग्रेटर नोएडा वेस्ट में छात्र भी रहते हैं। उन्होंने कहा कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट को जब बसाया गया तो कहा गया था कि यहां मेट्रो आएगी। 

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8 सालों से रुका है नोएडा वेस्ट के लिए मेट्रो प्रोजेक्ट रूका 

लेकिन पिछले 8 सालों से ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लिए मेट्रो प्रोजेक्ट रूका हुआ है। इस संबंध में उन्होंने जब नोएडा मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष डॉ. लोकेश एम से जानकारी ली तो उन्हें पता चला कि उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रेटर नोएडा वेस्ट तक मेट्रो के निर्माण का अप्रूवल दे दिया है। पिछले 6 माह से शहरी विकास मंत्रालय के पास मेट्रो परियोजना की फाइल रूकी हुई है। इसके अलावा जल्द ही जेवर एयरपोर्ट का लोकार्पण यहां किया जाएगा।" 

इस रुट पर बनने है 11 स्टेशन

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ग्रेनो वेस्ट रुट पर चलने वाली इस मेट्रो के लिए 11 स्टेशन बनाए जाएंगे। यह रूट एक्वा लाइन का एक्सटेंशन रूट होगा। एक्वा लाइन पर सेक्टर-51 से ग्रेटर नोएडा डिपो तक मेट्रो चल रही है।  इस रूट पर मेट्रो चलने से 130 मीटर रोड पर लग रहे जाम में कमी आएगी। इसमें 394 करोड़ रुपए भारत सरकार और 394 करोड़ रुपए राज्य सरकार की ओर से खर्च किये जाएंगे। राज्य सरकार की ओर से 40 प्रतिशत धनराशि नोएडा और 60 प्रतिशत धनराशि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा स्वीकृत की जाएगी।

2991 करोड़ का है प्रोजेक्ट

पूरे प्रोजेक्ट के निर्माण में करीब 2991 करोड़ रुपए तय की गई है। पहले 2197 करोड़ रुपए तय किए गए थे। अधिकारियों ने बताया कि मेट्रो चलने की शुरूआत में करीब सवा लाख राइडरशिप इस रूट पर रहेगी। संसोधित डीपीआर में  मेट्रो का जो रूट पास किया गया है। वह पहले के मुकाबले करीब ढाई किलोमीटर लंबा है। पहले 14. 958 किलोमीटर लंबा रूट बनाया गया था जो अब 17. 435 किलोमीटर लंबा हो गया है।

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