Advertisment

Science, Spirituality और स्वास्थ्य मानव जीवन के विभिन्न तीन पक्षों में साथ जुड़े हैं, बोले शेखावत

Greater Noida के शारदा विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साइंसेज में विज्ञान, आध्यात्मिकता और स्वास्थ्य पर तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के शुभारंभ

author-image
Mukesh Pandit
seminar

केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने आध्यात्मिकता और स्वास्थ्य पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का किया शुभारंभ Photograph: (young Bharat)

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

ग्रेटर नोएडा, वाईबीएन संवाददाता। 

Advertisment

केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि विज्ञान, आध्यात्मिकता और स्वास्थ्य ये महत्वपूर्ण तीन विषय मानव जीवन के विभिन्न तीन पक्षो में साथ जुडे है। वर्तमान परिपेक्ष में जहां विज्ञान की प्रगति के अनेक पायदान तय करने बावजूद भी,मानव जीवन के संकट व कष्टों को समाप्त करने की दिशा में अनेक अनुसंधान और खोज होने बावजूद भी जो संतुष्टि की खोज में मानव आगे विज्ञान के सहारे आगे बढ़ा था।

तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन

गजेन्द्र सिंह शेखावत, शारदा विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साइंसेज और भारतीय संस्कृति वैश्विक केंद्र (बीएसवीके) गुरुवार से विज्ञान, आध्यात्मिकता और स्वास्थ्य पर तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के शुभारंभ अवसर पर बोल रहे थे। इसमें मुख्य अतिथि गजेन्द्र सिंह शेखावत, केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री, डॉ इंद्रेश कुमार,वरिष्ठ सदस्य, प्रचारक एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, दीपक सिंघल पूर्व मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश, अभिजीत हलदर,महानिदेशक अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ, संस्कृति मंत्रालय, डॉ जगवीर सिंह,चांसलर सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ पंजाब, प्रोफेसर अजय याज्ञनिक का विश्वविद्यालय के चांसलर पीके गुप्ता,प्रो चांसलर वाईके गुप्ता और वाइस चांसलर डॉ सिबाराम खारा ने शॉल ओढ़ाकर और मोमेंटो देकर स्वागत किया। इस दौरान किताब का विमोचन भी किया गया। 

Advertisment

असंतुष्टि का स्तर बढ़ रहा है

गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि जीवन को सुगम बनाने के लिए,जीवन को कष्टों और भौतिक ताप को दूर करने दृष्टिकोण से पिछले 3 सौ साल की इस वैज्ञानिक खोज की यात्रा में जो भी मानव ने प्राप्त किया उसके बावजूद भी असंतुष्टि का स्तर बढ़ता जा रहा है। उस कड़ी के बीच में जहां जुड़ाव हो सकता है यह विषय बहुत महत्वपूर्ण है। यह क्या है यह प्रश्न मन में जिस दिन कोंदता है वहां से विज्ञान का प्रारंभ होता है। मैं क्या हूं यह प्रश्न में आता यहां अध्यात्म की यात्रा प्रारंभ होती है।

भारत की आध्यात्मिकता सर्वोत्तम

Advertisment

इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने विश्वविद्यालय के चांसलर और प्रो चांसलर का धन्यवाद दिया और कहा कि मुझे इस कार्यक्रम में बुलाने पर हमेशा आभारी रहूंगा। कार्यक्रम में डॉ इंद्रेश कुमार,वरिष्ठ सदस्य, प्रचारक एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कहा कि भारत की आध्यात्मिकता सर्वोत्तम है।

 कोविड के दौरान जब दुनिया संकट का सामना कर रही थी, भारत काढ़ा लेकर आया जिससे बड़े पैमाने पर मदद मिली। उस समय हर देश में काढ़े का सेवन किया जाता था जो लाभदायक भी था और सफल भी। विज्ञान और अध्यात्म दो अलग-अलग चीजें हैं जिनके अपने-अपने अर्थ हैं। एक अच्छा समाज विज्ञान और अध्यात्म का मेल है, दोनों की अपनी-अपनी प्रासंगिकता है।

Advertisment
Advertisment