नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । नोएडा और दिल्ली-एनसीआर के निवासियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। नोएडा अथॉरिटी ने एक कंप्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान (CMP) तैयार किया है, जिसका मकसद यहां की यातायात व्यवस्था को पूरी तरह से बदलना है। इस प्लान के लागू होने के बाद न केवल नोएडा, बल्कि दिल्ली-एनसीआर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई शहरों में ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात मिल सकती है।
क्या है नोएडा का कंप्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान?
नोएडा अथॉरिटी ने इस प्लान को 2041 तक के लिए तैयार किया है। इसके तहत सड़कों का विस्तार, नए फ्लाईओवर और अंडरपास का निर्माण, पब्लिक ट्रांसपोर्ट को मजबूत करना और साइकिलिंग व वॉकिंग ट्रैक्स को बढ़ावा देना शामिल है। इसके अलावा, मेट्रो और बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (BRTS) को भी अपग्रेड किया जाएगा।
ये हैं योजना के मुख्य बिंदु
- 2031 तक नोएडा की आबादी 25 लाख तक पहुंचने का अनुमान, जिसके लिए यातायात व्यवस्था को मजबूत करना जरूरी है।
- नए एक्सप्रेसवे और रिंग रोड से दिल्ली-गाजियाबाद-नोएडा के बीच ट्रैफिक दबाव कम होगा।
- ग्रीन मोबिलिटी पर फोकस- इलेक्ट्रिक वाहनों और साइकिलिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा।
- स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से वाहनों का फ्लो बेहतर होगा।
दिल्ली-एनसीआर के लिए क्यों है यह प्लान अहम?
नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे इलाके में तेजी से आबादी बढ़ रही है। ऐसे में, अगर यातायात व्यवस्था को अभी से मजबूत नहीं किया गया, तो आने वाले सालों में स्थिति और बिगड़ सकती है। इस प्लान के तहत:
- दिल्ली-नोएडा डायरेक्ट फ्लाईओवर (DND) और नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक कम होगा।
- नए मेट्रो रूट्स से गुरुग्राम, फरीदाबाद और गाजियाबाद के साथ कनेक्टिविटी बढ़ेगी।
- ई-रिक्शा और शेयर्ड मोबिलिटी सिस्टम को प्रोत्साहित किया जाएगा।
क्या होगा फायदा?
कम होगा प्रदूषण: बेहतर पब्लिक ट्रांसपोर्ट से वाहनों की संख्या कम होगी, जिससे हवा की गुणवत्ता में सुधार होगा।
समय की बचत: ट्रैफिक जाम कम होने से लोगों का कीमती समय बचेगा।
इकोनॉमी को बढ़ावा: बेहतर कनेक्टिविटी से बिजनेस और रियल एस्टेट सेक्टर को फायदा होगा।
चुनौतियां क्या हैं?
हालांकि, इस प्लान को लागू करने में कुछ चुनौतियां भी हैं, जैसे:
फंडिंग की व्यवस्था: इतने बड़े पैमाने पर प्रोजेक्ट्स के लिए बजट की जरूरत होगी।
लैंड अक्विजिशन: नए रोड और मेट्रो लाइन्स के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया जटिल हो सकती है।
पब्लिक अवेयरनेस: लोगों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट के इस्तेमाल के लिए प्रेरित करना होगा।
अगर नोएडा का यह कंप्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान सही तरीके से लागू होता है, तो यह न केवल नोएडा, बल्कि पूरे दिल्ली-एनसीआर और पश्चिमी यूपी के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है। इससे न सिर्फ यातायात की समस्या दूर होगी, बल्कि पर्यावरण और अर्थव्यवस्था को भी फायदा होगा।
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