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Photograph: (File)
ग्रेटर नोएडा, वाईबीएन संवाददाता।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के व्यावसायिक संचालन के साथ यमुना सिटी के भूखंड की कीमतें भी उड़ान भरने वाली हैं। एयरपोर्ट के तीसरे और चौथे चरण में मुआवजा में 30 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोत्तरी का भार कम करने के लिए यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण अब आवासीय, कॉमर्शियल और औद्योगिक श्रेणी के भूखंडों की दरें डेढ़ गुना तक बढ़ाने की तैयारी में है।
बोर्ड बैठक में यमुना सिटी की नई कीमतों पर मुहर
फरवरी माह में प्रस्तावित प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में यमुना सिटी की नई कीमतों पर मुहर लग जाएगी। यमुना प्राधिकरण ने एक अप्रैल 2025 से जमीन की नई कीमतें लागू करने की तैयारी में है। इसके लिए सभी विभागों ने आवासीय, व्यावसायिक और औद्योगिक के साथ ही संस्थागत, स्कूल सहित अन्य गतिविधियों के लिए जमीन की उपलब्धता की रिपोर्ट मांगी गई है। इस बार सभी श्रेणी की जमीनों की कीमत 25 से 30 फीसदी तक बढ़ाने की तैयारी है। वर्तमान में यमुना सिटी में आवासीय भूखंड की कीमत 25 हजार 900 रुपये वर्गमीटर की दर से आवंटित की जाती है।
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आवासीय श्रेणी के भूखंडों पर पड़ेगी महंगाई की मार
सबसे ज्यादा बढ़ोत्तरी आवासीय श्रेणी में करने की तैयारी है और इसे 32 से 34 हजार रुपये प्रति वर्गमीटर तक किए जाने की तैयारी है। ऐसे ही अन्य श्रेणी के जमीन की कीमतें भी तय की जा रही हैं। दरअसल, एयरपोर्ट के तीसरे और चौथे चरण के जमीन अधिग्रहण के लिए किसानों की सूची तैयार कर ली गई है। इन चरणों में 40 हजार किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। इसके तहत 14 गांव की जमीन चिन्हित की गई है।
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किसानों को मुआवजे के तौर पर 10 हजार करोड़ मिलेंगे
किसानों को मुआवजे के तौर पर 10 हजार करोड़ रुपए दिए जाने की योजना बनाई गई है। मुआवजे की नई कीमतें तय होने के बाद अब प्राधिकरण पर करीब तीन हजार करोड़ रुपये का बोझ बढ़ गया है। इसके साथ ही नोएडा एयरपोर्ट के व्यावसायिक संचालन से पहले ही यमुना सिटी में ग्रुप हाउसिंग, व्यावसायिक से लेकर औद्योगिक और अन्य गतिविधियों के लिए जमीन की मांग बढ़ी है। सबसे अहम बात यह है कि अमेरिका की एक बड़ी कंपनी ने अमेरिकन सिटी की परिकल्पना के साथ 100 एकड़ जमीन के लिए 32 करोड़ प्राधिकरण को दे दिया है। जमीन की बढ़ती मांग और मुआवजे के बोझ से बचने के लिए प्राधिकरण अब जमीन की बढ़ी कीमतों से भरपाई करेगा।
पिछले पांच साल में बढ़ाई 40 फीसदी कीमतें
पिछले पांच सालों में इस क्षेत्र में जमीन की कीमतों में 40 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है. साल 2030 तक यहां की जमीन की कीमतों में और 50 फीसदी होने का अनुमान है। यहां की जमीन में इजाफे का प्रमुख कारण नोएडा एयरपोर्ट के साथ-साथ मेट्रो ट्रेन के एक्सपैंशन और थीम बेस्ड सिटी प्रोजेक्ट्स जैसे प्रमुख इंफ्रस्ट्रक्चर की वजह से जमीन की कीमतों में तेजी देखने को मिल रही है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की जमीन अधिग्रहण चार चरणों में किया जाना प्रस्तावित हुआ है। पहले चरण में किसानों को 1,800 रुपए प्रति वर्ग मीटर के दर से मुआवजा दिया गया था. अब तीसरे और चौथे चरण में मुआवजे की दर को बढ़ाकर 4,300 रुपए प्रति वर्ग मीटर कर दिया गया है। इसके अलावा इस चरण में दो नए रनवे और 300 हेक्टेयर जमीन को एमआरओ हब के लिए आरक्षित रखा जाएगा।
वर्ष 2024 में प्राधिकरण ने 10 फीसदी बढ़ाई थी दरें
यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने मार्च 2024 में हुई बोर्ड बैठक में जमीन की कीमतों में 10 फीसदी की बढ़ोत्तरी की थी। एक अप्रैल 2024 से लागू कीमतों के बाद प्राधिकरण ने बड़ा मुनाफा प्राप्त किया था। इस वित्तीय वर्ष में प्राधिकरण ने आवासीय, ग्रुप हाउसिंग, स्कूल, संस्थागत, व्यावसायिक भूखंडों का आवंटन किया था। हालांकि औद्य़ोगिक आवंटन नीति नहीं होने की वजह से अटका रहा। उम्मीद जताई जा रही है कि बोर्ड बैठक में औद्योगिक नीति पास हो जाएगी और यमुना प्राधिकरण नई दरों पर औद्योगिक भूखंडों की स्कीम लाएगा।
4 हजार से 10 हजार वर्गमीटर तक के भूखंड
प्राधिकरण की ओर से वर्तमान में अलग अलग श्रेणी के भूखंड के लिए अलग अलग आकार के भूखंड की कीमत निर्धारित करता है। इसमें चार हजार से 10 हजार वर्गमीटर तक के भूखंड आंवटित किए जाते हैं। भूखंड के आकार बढ़ने के साथ ही कीमतें भी कम हो जाती है। जैसे वर्तमान में चार हजार वर्गमीटर तक के औद्योगिक भूखंड 14240 रुपये प्रति वर्गमीटर में है और चार हजार वर्ग मीटर से आठ हजार वर्ग मीटर तक होते ही 12130 रुपये प्रति वर्गमीटर हो जाता है। 80 हजार वर्गमीटर भूखंड के लिए प्राधिकरण 8670 रुपये प्रतिवर्ग मीटर की दर से पैसा लेता है।