दिल्ली में Yamuna River Front बनाने की तैयारी, पहली कैबिनेट बैठक में फैसला लेगी भाजपा सरकार!
Yamuna River Front: भाजपा ने सत्ता में आते ही यमुना रिवर फ्रंट बनाने का वादा किया है। संभावना जताई जा रही है कि नई सरकार अपनी पहली कैबिनेट बैठक में यमुना रिवर फ्रंट पर बनाने का फैसला लेगी।
Yamuna River Front: दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान यमुना की सफाई का मुद्दा सुर्खियों में रहा। दिल्ली में अब तक कई सरकारें आईं और चली गईं, लेकिन यमुना एक्शन प्लान लागू नहीं हो पाया है। भाजपा ने सत्ता में आते ही यमुना रिवर फ्रंट बनाने का वादा किया है। संभावना जताई जा रही है कि नई सरकार अपनी पहली कैबिनेट बैठक में यमुना रिवर फ्रंट पर बनाने का फैसला लेगी।
यमुना रिवर फ्रंट का प्लान तैयार
यमुना रिवरफ्रंट परियोजना का मुख्य उद्देश्य यमुना नदी के आसपास के क्षेत्रों का सौंदर्यीकरण करना, प्रदूषण को कम करना, और दिल्लीवासियों के लिए एक आकर्षक सार्वजनिक स्थान प्रदान करना है। दिल्ली विधानसभा चुनावों से पहले भारतीय जनता पार्टी ने वादा किया था कि यदि भाजपा सरकार बनती है, तो तीन वर्षों के भीतर यमुना पर 'यमुना रिवर फ्रंट' का निर्माण किया जाएगा। अब भाजपा के सत्ता में आने के बाद ये चर्चा तेज हो गई है कि यमुना रिवर फ्रंट बनना कब शुरू होगा। चर्चा है कि भाजपा सरकार अपनी पहली कैबिनेट बैठक में ही यमुना रिवर फ्रंट बनाने का फैसला ले सकती है।
दिल्ली में यमुना नदी की गंदगी का मुद्दा हमेशा चर्चा में रहा है। बिना ट्रीटमेंट के सीवेज का पानी मिलने और औद्योगिक कचरे की वजह से यमुना का प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। साल 1993 में यमुना एक्शन प्लान सामने आया था, जिसका उद्देश्य यमुना नदी को प्रदूषण से मुक्त बनाना था। लेकिन 32 साल बाद भी यमुना एक्शन प्लान यमुना को गंदगी से मुक्त नहीं कर पाया है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान यमुना को लेकर दिल्ली से लेकर हरियाणा तक की सियासत गरमाई रही। अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी के ऊपर जानबूझकर यमुना को गंदा करने के आरोप लगाए थे। केजरीवाल ने यमुना में जहर मिलाने के आरोप लगाए थे, जिसके बाद जमकर सियासी बवाल हुआ। केजरीवाल के बयान को लेकर चुनाव आयोग में शिकायत की गई थी। जिसके बाद उनके ऊपर एफआईआर दर्ज की गई थी। मतदान से ठीक पहले तक यमुना पर सियासत गरमाई रही। अब देखना होगा कि यमुना की सफाई को लेकर नई सरकार कब से काम शुरू करती है।