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परिसदन में संवाददाताओं से बात करते झारखंड के पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी Photograph: (ORIGNAL)
YBN PALAMU:-
कहा कि पिछले दिनों मेदिनीनगर से रांची जाने के दौरान लातेहार में यदि उन्होंने अपने अंग रक्षक को थप्पड़ मारा व जाति सूचक बात कही तो वह तुरंत वहीं प्राथमिकी दर्ज करा देते।कहा कि पलामू के एसपी ने उनके सुरक्षा गार्ड को मेदिनीनगर बुलाकर उनके खिलाफ जाति सूचक शब्द कहकर थप्पड़ मारने संबंधित शून्य प्राथमिकी दर्ज कराई है। एसपी ने उनके सुरक्षा गार्ड्स को लगातार बदल-बदल कर भेजने का काम किया। एसपी ने डीजीपी से उनके बारे में गलत रिपोर्ट की। इस कारण डीजीपी ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया। इसकी शिकायत उन्हों मुख्य सचिव से की है। त्रिपाठी ने कहा कि उनकी मां टिफिन देती हैं तो वे टिफिन से रोटी व भुजिया निकालकर अपने सुरक्षा गार्ड को खिलाते हैं। वे अपने सुरक्षा गार्ड की पिटाई या जाति सूचक गाली कैसे दे सकते हैं। किसी ने इस बाबत कोई सबूत पेश कर दिया तो वे तुरंत राजनीतिक छोड़ देंगे। कहा कि पलामू एसपी के गलत निर्णय व एसओपी का पालन नहीं करने के कारण पलामू के दो पुलिस जवान बलिदानी हो गए। नक्सली के खिलाफ अभियान की न तो मनातू थाना पुलिस को जानकारी थी न ही प्रशिक्षित जगुआर के जवानों को। एसओपी का मापदंड है कि नक्सलियों के विरूद्ध चलाए गए अभियान के लिए प्रशिक्षित 50 जवान का रहना अनिवार्य है। कहा कि पुलिस एसोसिएशन की चुप्पी सवाल के घेरे में है। इस पूरे मामले की जांच की उच्च स्तरीय समिति से कराने के लिए मुख्य सचिव, गृह सचिव व डीजीपी को पत्र लिखा है। कहा कि पुलिस एसोसिएशन के लोग केवल एसपी से ट्रांसफर -पोस्टिंग कराने के लिए चुप्पी साध रखी है।