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प्रयागराज, वाईबीएन विधि संवाददाता।इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लोक सेवा आयोग की 1253सहायक अध्यापकों की भर्ती में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की गाइडलाइंस का उल्लघंन करने के आरोप में दाखिल याचिका पर राज्य सरकार,आयोग से चार हफ्ते में जवाब मांगा है। याचिका की अगली सुनवाई 19नवंबर को होगी।यह आदेश न्यायमूर्ति सी डी सिंह ने अधिवक्ता प्रदीप कुमार द्विवेदी की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।
आरोप रेग्यूलेशन के विपरीत हो रही भर्ती
याचिका पर प्रदीप कुमार द्विवेदी ने स्वयं बहस की। आयोग की तरफ से अधिवक्ता बी के एस रघुवंशी ने कोर्ट से जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा। याची का कहना है कि सहायक प्रोफेसर भर्ती में आयु अर्हता 21 से 40 वर्ष रखी गई है।1255 पदो में 42 पद शारीरिक रूप से अक्षय के लिए निर्धारित है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के दिशा निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है। दूसरी तरफ उच्च शिक्षा चयन आयोग आयु की अधिकतम आयु तय नहीं करता और लोक सेवा आयोग ने 40 वर्ष तय की है। जिससे तमाम अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल होने से वंचित किए जा रहे हैं। उनके अधिकार छीने जा रहे हैं। साथ ही रेग्यूलेशन 2018 के विपरीत भर्ती की जा रही है। कोर्ट ने मुद्दा विचारणीय माना और आयोग से जवाब मांगा है।
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