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इलाहाबाद हाईकोर्ट Photograph: (Social Media)
प्रयागराज, वाईबीएन विधि संवाददाता।इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जब्त ट्रक को रिलीज करने के लिए तीन अलग लोगों के मोबाइल फोन पर 1,40,000रूपये जमा कराने के बाद 36500का चालान काटने के मामले को गंभीरता से लिया है। ऐसा कराने वाले तत्कालीन ए आर टी ओ सुधेश तिवारी के खिलाफ लगे गंभीर आरोपों की जांच कराने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने एसपी औरैया को आरोप की एफआईआर दर्ज कर सीओ रैंक के अधिकारी से तीन माह में जांच कराकर 5 जनवरी 2026 तक रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा जिनके मोबाइल नंबर पर पैसा जमा कराया गया वे ट्रांस्पोर्ट विभाग के कर्मचारी नहीं है। पैसा एआरटीओ के कहने पर जमा किया गया। कोर्ट ने कहा यदि आरोप सही हैं तो इसका प्रभाव आम जनता पर पड़ेगा। इसलिए गंभीर आरोपों की विस्तृत जांच जरूरी है। यह आदेश न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव तथा न्यायमूर्ति अमिताभ कुमार राय की खंडपीठ ने नारायण दास की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।
1.40 लाख रूपये का चालान बताकर भिन्न खातों में कराया था जमा
मालूम हो कि याची का ट्रक 17मई 25को ए आर टी ओ की टीम द्वारा पकड़ा गया।1.40 लाख रूपये का चालान बताकर भिन्न तीन लोगों के फोन पर जमा कराया गया।जब ट्रक रिलीज करने की बारी आई तो 36 हजार 500 रूपये की चालान रसीद दी गई। याची अधिक जमा कराई राशि वापस मांगी। एफआईआर दर्ज करने गये तो पुलिस ने भगा दिया। कोर्ट ने ए आर टी ओ को बुलाया। हाजिर होकर उन्होंने बताया कि घटना के बाद वह आये है। तो तत्कालीन एआरटीओ तलब हुए। हाजिर अधिकारी से पता चला जिनके खाते में पैसा जमा किया गया मोबाइल फोन के जरिए वे सरकारी कर्मचारी नहीं है। जिसे गंभीरता से लेते हुए कोर्ट ने जाच रिपोर्ट तलब की है।
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