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प्रयागराज, वाईबीएन विधि संवाददाता।इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फर्जी दस्तावेज से नौकरी हासिल करने के आरोपी की नियुक्ति निरस्त करने की वैधता की चुनौती याचिका पर राज्य सरकार व बेसिक शिक्षा अधिकारी एटा से 6 हफ्ते में जवाब मांगा है। अगली सुनवाई की तिथि 6 जनवरी 26 नियत की है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि याचिका विचाराधीन होने के बावजूद प्राधिकारी याची के मामले में विधि सम्मत कार्यवाही कर करेंगे। यह आदेश न्यायमूर्ति पी के गिरी ने पूर्व माध्यमिक विद्यालय नगला खिली ब्लाक निधौली कला जिला एटा के हेड मास्टर रहे शशिकांत कुमार की याचिका पर दिया है।
कोर्ट ने याचिका लंबित रहने के दौरान विधि सम्मत कार्यवाही की दी छूट
याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक खरे, सिद्धार्थ खरे , बीएसए के अधिवक्ता बीपी सिंह कछवाह सरकारी अधिवक्ता शरदचंद्र उपाध्याय ने पक्ष रखा। मालूम हो कि याची की सहायक अध्यापक के रूप में 1992 में नियुक्ति की गई। शिकायत पर हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के अंकपत्र का शिक्षा परिषद से सत्यापन कराया गया। परिषद के सचिव ने बताया कि याची हाईस्कूल में फेल था, इंटरमीडिएट का परिणाम निरस्त कर दिया गया था। जो भी अंकपत्र पेश कर नौकरी हासिल की है वे फर्जी कूटरचित है। जिसपर याची को कारण बताओ नोटिस दी गई। और एफआईआर दर्ज की गई है। सफाई संतोषजनक न होने के कारण याची की नियुक्ति शून्य करार देते हुए निरस्त कर दी गई और अबतक दिये गये वेतन की वसूली के लिए गणना की जा रही है। कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाबी हलफनामा के साथ विवेचना की प्रगति की जानकारी भी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। याचिका में बीएसए एटा के 12 सितंबर 25 के सेवा समाप्ति आदेश को चुनौती दी गई है और समादेश जारी कर उसके हेड मास्टर के कार्य में हस्तक्षेप करने से रोकने सहित नियमित वेतन भुगतान करने की मांग की गई है।
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