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फाइल फोटो Photograph: (google)
प्रयागराज, वाईबीएन विधि संवाददाता।इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी में सर्किट हाउस के समीप स्थित मजार हजरत मुख्तार अली शाह उर्फ लाटशाही बाबा के ध्वस्तीकरण व बेदखली पर याची की आपत्ति तय किए जाने तक रोक लगा दी है। और याची की नोटिस जारी करने के क्षेत्राधिकार पर की जाने वाली आपत्ति पर सुनवाई का मौका देते हुए एक माह में निर्णय लेने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति नीरज तिवारी तथा न्यायमूर्ति विवेक कुमार सिंह की खंडपीठ ने मजार वक्फ की तरफ से दायर याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है।
कोर्ट ने कहा आपत्ति देने व सुनवाई का मौका दिया जाय
याचिका पर अधिवक्ता मनीष सिंह ने बहस की। इनका कहना था कि याची को दो दिन में सड़क से अवैध कब्जा हटा लेने का आदेश देते हुए सहायक अभियंता पीडब्ल्यूडी वाराणसी ने नोटिस दी गई है। यह नोटिस लोक संपत्ति क्षति निवारण कानून के तहत दी गई है। जब कि विवादित संपत्ति उत्तर प्रदेश पब्लिक प्रिमाइसेस (अनधिकृत कब्जा बेदखली ) कानून के दायरे में आती है। जिसमें सक्षम अधिकारी को नियमानुसार नैसर्गिक न्याय का पालन करते हुए कार्यवाही करने का अधिकार दिया गया है। इसलिए सहायक अभियंता को लोक संपत्ति क्षति निवारण कानून के तहत नोटिस जारी करने का क्षेत्राधिकार नहीं है। नोटिस अवैध है, निरस्त की जाय। कोर्ट ने कहा नोटिस में अतिक्रमण हटाने के लिए सिर्फ दो दिन का मौका दिया गया है। याची को आपत्ति दाखिल करने का समय नहीं दिया और न ही सुनवाई का अवसर दिया गया है। जो उचित नहीं है। इसलिए याची को आपत्ति देने व सुनवाई का मौका दिया जाय।
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