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विकास भवन में विकास कार्यों की समीक्षा करती सीडीओ हर्षिका सिंह ने लापरवाह अधिकारियों को दी अंतिम चेतावनी। Photograph: (वाईबीएन)
प्रयागराज, वाईबीएन संवाददाता। जिला प्रशासन के लापरवाह अफसरों में इन दिनों हड़कंप मचा हुआ है। एक तरफ जिलाधिाकरी मनीष वर्मा लापरवाह अफसरों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रहे हैं। तो दूसरी तरफ अब सीडीओ हर्षिका सिंह ने भी लापरवाह अधिकारियों पर नजरें टेढ़ी कर दी हैं। सीडीओ ने संगम सभागार में सोमवार को ग्राम विकास एवं ग्राम पंचायतों से जुड़ी विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों की समीक्षा बैठक ली। इस बैठक में ग्रामीण विकास से जुड़ी महत्वपूर्ण योजनाओं की प्रगति पर चर्चा करते हुए सीडीओ ने सख्त तेवर दिखाते हुए मातहतों को स्पष्ट निर्देश दिए कि शासन की प्राथमिकता वाले कार्यों को पूरी गंभीरता के साथ समयबद्ध ढंग से पूरा किया जाए। जिसने भी लापरवाही बरती वह कार्रवाई के लिए तैयार रहे। इस दौरान उन्होंने कुछ लापरवाह अफसरों को इशारों-इशारों में चेतावनी भी दे डाली। बैठक में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम), प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना, मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना, मनरेगा, गौशाला संचालन, फैमिली आईडी, जीरो पावर्टी अभियान, पंचायतीराज विभाग की योजनाएं तथा आईजीआरएस प्रकरणों की विस्तार से समीक्षा की गई।
विकास कार्यों में लापरवाही बर्दास्त नहीं
सीडीओ हर्षिका सिंह ने कहा कि गांवों के विकास कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सीडीओ ने कहा कि शिकायतों का निस्तारण इस तरह होना चाहिए कि शिकायतकर्ता पूरी तरह संतुष्ट महसूस करे। उन्होंने अधिकारियों को यह भी चेतावनी दी कि योजनाओं में ढिलाई बरतने पर जिम्मेदारी तय की जाएगी। इस अवसर पर जिला विकास अधिकारी जी.पी. कुशवाहा, जिला पंचायत राज अधिकारी, सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में सभी अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया गया कि वे अपनी जिम्मेदारी और कार्य प्रणाली को पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ निभाएं ताकि ग्रामीण अंचलों में विकास कार्यों की गति और तेज हो सके।
सीडीओ ने दिए मातहतों को निर्देश
- ग्रामीण क्षेत्रों में व्यक्तिगत शौचालयों के निर्माण की गति तेज की जाए, ताकि स्वच्छ भारत मिशन के लक्ष्य पूरे हो सकें।
- जिन आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण कार्य अधूरा है, उन्हें जल्द से जल्द पूर्ण कराया जाए, ताकि बच्चों और महिलाओं को बेहतर सुविधा मिल सके।
- फैमिली आईडी योजना की प्रगति पर विशेष ध्यान दिया जाए और अधिक से अधिक परिवारों को जोड़ा जाए।
- मनरेगा कार्यों की नियमित मॉनिटरिंग खंड विकास अधिकारी स्वयं करें और अधिकतम मानव दिवस सृजित किए जाएं।
- आईजीआरएस पर दर्ज शिकायतों का निस्तारण गुणवत्तापूर्ण और समयबद्ध ढंग से हो। निस्तारण रिपोर्ट फोटो और अधिकारियों के हस्ताक्षर सहित पोर्टल पर अपलोड की जाएं।
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