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डीएम ने कहा लेखपाल राजस्व विभाग की रीढ़ होते हैं ग्राम स्तर पर सरकार के प्रथम प्रतिनिधि। Photograph: (वाईबीएन)
प्रयागराज, वाईबीएन संवाददाता।विकसित उत्तर प्रदेश 2047 समृद्धि का शताब्दी पर्व के अंतर्गत राजस्व विभाग की सहभागिता को देखते हुए रविवार को सर्किट हाउस सभागार में नवचयनित लेखपालों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने की। इस दौरान जिलाधिकारी ने नवनियुक्त लेखपालों को उनके दायित्वों और कार्यशैली के महत्व से अवगत कराते हुए कहा कि वे पूर्ण मनोयोग, दक्षता और ईमानदारी से अपने कार्यों का निर्वहन करें। उन्होंने कहा कि लेखपाल राजस्व विभाग की रीढ़ होते हैं और ग्राम स्तर पर सरकार के प्रथम प्रतिनिधि के रूप में ग्रामीणों के संरक्षक की भूमिका निभाते हैं।
सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाना लेखपालों की जिम्मेदारी
जिलाधिकारी ने भूमि पैमाइश, अंश निर्धारण, भू-लेख एवं राजस्व संहिता से जुड़ी प्रक्रियाओं की गहन जानकारी रखने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अक्सर गांवों में भूमि विवाद लेखपाल की दक्षता से ही सुलझते हैं, इसलिए प्रत्येक लेखपाल को विधियों और शासनादेशों की पूरी समझ होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि पात्र लाभार्थियों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाना लेखपालों की जिम्मेदारी है। साथ ही सरकारी भूमि की सुरक्षा, उसका सदुपयोग और पारदर्शिता के साथ आमजन की समस्याओं का निस्तारण करना भी उनका प्रमुख दायित्व है। जिलाधिकारी ने सभी लेखपालों को कार्यक्षेत्र के निकट आवास रखने की भी सलाह दी, ताकि वे जनता की समस्याओं पर त्वरित ध्यान दे सकें।नगर मजिस्ट्रेट विनोद कुमार सिंह ने प्रशिक्षण में उपस्थित लेखपालों को संबोधित करते हुए कहा कि जनता से सीधे जुड़े होने के कारण उनकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने अपेक्षा जताई कि सभी लेखपाल पारदर्शी, निष्पक्ष और सकारात्मक सोच के साथ कार्य करेंगे तथा किसी भी स्थिति में ऐसा कार्य नहीं करेंगे जिससे शासन-प्रशासन की छवि धूमिल हो। इस अवसर पर राजस्व विभाग के अधिकारी एवं सभी नवनियुक्त लेखपाल उपस्थित रहे।
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