बीएसए कार्यालय पर प्रदर्शन करते शिक्षक। Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)
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रामपुर, वाईबीएन नेटवर्क। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने बीएसए कार्यालय पर प्रदर्शन किया। उसके बाद एक पांच सूत्री ज्ञापन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को सौंपा। जिसमे जिला मंत्री चरन सिंह का कहना है कि कम छात्र संख्या के आधार पर विद्यालयों के मर्जर करने से गरीब, मजदूर ,बेसहारा लोगों के बच्चे शिक्षा से वंचित हो जाएंगे। शत प्रतिशत साक्षरता का लक्ष्य प्राप्त करना सरकार के लिए कठिन हो जाएगा। जनहित में उपरोक्त तथ्यों को ध्यान में रखते हुए स्कूलों को मर्जर न किया जाए।
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प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत हजारों की संख्या में प्रधानाध्यापकों को सरप्लस कर दिया गया है जिस कारण विद्यालय का शैक्षिक एवं प्रशासनिक कार्य प्रभावित होने की पूर्ण संभावना है भारत के अंदर ऐसा कोई भी विभाग नहीं है जहां मुखिया की तैनाती नहीं है लेकिन परिषदीय विद्यालयों को मुखिया विहीन करना तर्कसंगत नहीं है जिसके कारण शिक्षक पदोन्नति से वंचित हो जाएंगे और प्रधानाध्यापकों के पदों को समाप्त करने की गहरी साजिश है। इस प्रकार का आदेश अव्यवहारिक है सरकार इसे तुरंत वापस ले। जनपदीय स्थानांतरण और समायोजन नीति के अंतर्गत छात्र संख्या के आधार पर अधिकतर विद्यालयों के सहायक अध्यापकों को सरप्लस दर्शाया गया है जबकि निपुण भारत मिशन के अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में प्रत्येक कक्षा में एक सहायक अध्यापक का होना अनिवार्य है।
बीएसए को ज्ञापन सौंपते शिक्षक। Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)
सरप्लस में शिक्षकों को हटाया गया तो सरकार के द्वारा संचालित निपुण भारत मिशन का अभियान प्रभावित होगा संघ सरप्लस प्रक्रिया को वापस लेने की मांग करता है। 10 वर्ष पूर्ण कर चुके शिक्षकों के समक्ष चयन वेतनमान का लाभ प्राप्त करने में आ रही व्यवहारिक समस्याओं का निराकरण करते हुए शीघ्र चयन वेतनमान का लाभ दिया जाए। ज्ञापन देने वालों में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला मंत्री चरण सिंह, नरेंद्र सैनी, रहमत अली ,मनोज कुमार अमितेश झा, प्रसन्न प्रकाश, गौरवदीप गुप्ता, सरदार राजेंद्र सिंह, सौरभ शर्मा, अनुसेंद्र सिंह चौहान, तरण उपाध्यय विपिन कुमार,ऋषिपाल सिंह रामप्रसाद, दिनेश कुमार, प्रदीप कुमार गौतम,अकरम आदि मौजूद रहे।