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108 ने लिए सौ, वार्ड वाले ने मांगे सौ… मां फिर भी ना बची, बेटा बोला भ्रष्ट सिस्टम ने ले ली की जान

शाहजहांपुर के राजकीय मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान महिला मरीज की मौत हो गई। बेटे ने इलाज में लापरवाही और वार्ड में शिफ्ट करने के नाम पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया। सीएमएस ने जांच के आदेश दिए हैं।

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Ambrish Nayak
Shahjahanpur news

Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)

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शाहजहांपुर वाईबीएन संवाददाता 

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राजकीय मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान एक मां की मौत ने बेटे को झकझोर कर रख दिया। मां की मौत से दुखी बेटे का दर्द आंखों से छलक उठा। उसने इलाज में लापरवाही का आरोप तो लगाया ही साथ ही यह भी बताया कि अस्पताल में हर कदम पर रुपये वसूले गए। सबसे बड़ी टीस यह रही कि मां की मौत के बाद वही स्टाफ कर्मचारी सौ रुपये लौटाने आया। जिससे बेटे का दिल भर आया और उसने कहा अब सौ रुपये का क्या करेंगे मां तो चली गई। 

108 एंबुलेंस चालक ने लिया ‘खर्चा-पानी’ मजबूर बेटे ने दिए रुपये 

रोजा थाना क्षेत्र के गांव अटसलिया निवासी 45 वर्षीय नन्ही देवी कुछ समय से बीमार चल रही थीं। रविवार की सुबह करीब सात बजे उनका बेटा उन्हें 108 एंबुलेंस से राजकीय मेडिकल कॉलेज लेकर आया। रास्ते में एंबुलेंस चालक ने ‘खर्चा-पानी’ के नाम पर सौ रुपये मांगे जो बेटे ने मां की बिगड़ती हालत देखकर दे दिए। मेडिकल कॉलेज पहुंचने के बाद ट्रॉमा सेंटर में उन्हें जैसे-तैसे भर्ती कराया गया।

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कर्मचारी ने मरीज को स्ट्रेचर पर ले जाने को मांगे सौ रुपये

बेटे का आरोप है कि भर्ती के बाद इलाज में लापरवाही बरती गई। हालत बिगड़ती देख जब उन्हें दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया गया तो वार्ड में ले जाने वाले कर्मचारी ने मरीज को स्ट्रेचर पर ले जाने के लिए सौ रुपये की मांग की। लाचार बेटे ने ये रुपये भी दे दिए ताकि मां को सही इलाज मिल सके। मगर करीब दस बजे के आसपास नन्ही देवी की इलाज के दौरान मौत हो गई। बेटे का कहना है कि उसकी मां ही उसका इकलौता सहारा थीं। क्योंकि पिता की पहले ही मौत हो चुकी है। मौत के बाद वही स्टाफ कर्मी सौ रुपये वापस करने आया, जिससे बेटे का दिल भर आया और वह बोल पड़ा– अब सौ रुपये का क्या करेंगे, जब मां ही नहीं रहीं...मामले की

सीएमएस बोले- जानकारी नही कराएंगे जांच 

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जानकारी जब मीडिया के जरिए सामने आई तो मेडिकल कॉलेज के सीएमएस डॉ.नेपाल सिंह ने कहा कि उन्हें अभी इस प्रकरण की जानकारी नहीं है। लेकिन वे मामले की जांच कराएंगे। फिलहाल नन्ही देवी के परिजन शव लेकर अपने गांव रवाना हो गए हैं। इस घटना ने स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की पोल खोल दी है और यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या सरकारी अस्पतालों में इंसानियत बची है। 

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