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वायरल वीडियो से लिए गए स्क्रीनशाट। Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)
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वायरल वीडियो से लिए गए स्क्रीनशाट। Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)
शाहजहांपुर, वाईबीएन संवाददाता
शाहजहांपुर के बाल शिशु गृह में सब कुछ सही नहीं चल रहा है। जिन बच्चों ने भविष्य के लिए सुनहरे सपने देखे, उनके सिर से पहले मां-बाप का साया उठा। फिर सरकार से उम्मीद लगाए बैठे इन बच्चों को बाल गृह और शिशु केंद्र में भर्ती कराया गया। जहां उन्हें रूह कंपाने वाली सजा दी जा रही है। इन बच्चों के साथ वहां की केयर टेकर महिलाओं जिस तरह बेरहमी से मारपीट कर रही है, इससे विभाग के साथ प्रशासन की भी छवि धुमिल हो रही है। क्योकि अब मारपीट के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हैं। अभी तक किसी अधिकारी ने संज्ञान नहीं लिया हे। वीडियो वायरल होने के साथ ही डीपीओ पर भी गंभीर आरोप शुरू हो गए हैं, हालांकि डीपीओ सभी आरोपों से इन्कार कर रहे हैं।
सबसे अहम बात ये है कि इन बच्चों से मारपीट के वीडियो साझा करने वाले कुछ भाजपा नेता ही हैं। इसके बावजूद आरोपियों पर अभी तक ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी है। ऐसा आखिर क्या है जो भाजपा नेता ही अपनी सत्ता में कार्रवाई नहीं करवा पा रहे हैं। पूर्व जिला पंचायत सदस्य मुकेश दीक्षित ने मामले में महिला कल्याण मंत्री, महिला कल्याण प्रमुख सचिव और महिला कल्याण निदेशक को पत्र लिखकर डीपीओ गौरव मिश्रा व अन्य कर्मचारियों पर गंभीर आरोप लगाए। जिला पंचायत अध्यक्ष ने भी महिला कल्याण मंत्री को इस संबंध में पत्र लिखा है।
मुकेश दीक्षित ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखने के साथ एक्स पर भी टविट किया है। पत्रों में में लिखा कि जनपद शाहजहांपुर में जिला प्रोबेशन अधिकारी के पद पर कार्यरत गौरव मिश्रा की कार्यशैली गरिमा के अनुकूल नहीं है। इनके आचरण एवं व्यवहार से स्थानीय प्रशासन और सरकार की छवि धूमिल हो रही है। शिकायत में गौरव मिश्रा पर हब फॉर एम्पावरमेन्ट ऑफ वूमेन में अमृता दीक्षित को जिला मिशन कॉर्डिनेटर के पद पर अवैध तरीके से नियुक्त किए जाने के भी आरोप लगाए गए हैं। दावा किया गया कि अमृता दीक्षित जिला मिशन कॉर्डिनेटर की पद की अर्हता भी पूर्ण नहीं करती हैं। अमृता दीक्षित पर अपने कार्यालय वन स्टॉप सेंटर के बजाय प्रोबेशन कार्यालय से काम करने का आरोप लगाया गया है। मुकेश मिश्रा ने फर्जी बिल के जरिए आर्थिक लाभ लिए जाने के भी आरोप लगाए है। उन्होंने गत 4 वर्षो में फर्जी बिल से लाखों के भुगतान लिए जाने का दावा किया है। वन स्टॉप सेंटर से महिलाओं के गायब होने का भी सनसनीखेज आरोप लगाया है। शिकायत में वन स्टॉप सेंटर में स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष सरला यादव की ओर से संचालित कैंटीन के माध्यम से भी डीपीओ व मिशन कॉर्डिनेटर पर मोटी कमीशन का आरोप लगाया गया है। कहा गया कि कमीशन के कारण भोजन की गुणवत्ता भी खराब हो गई।
बच्चों की बेहरहमी से पिटाई किए जाने से जिला पंचायत अध्यक्ष ममता यादव भी नाराज हैं। उन्होंने महिला कल्याण विभाग मंत्री, प्रमुख सचिव महिला कल्याण विभाग और महिला कल्याण विभाग निदेशक को पत्र लिखा है, जिसमें कहा है प्रोबेशन विभाग में अनाथ और बेसहारा बच्चों के संरक्षण के लिए राजकीय बाल शिशु गृह का संचालन किया जा रहा है। इन बच्चों की देखभाल और सुरक्षा के लिए पूनम गंगवार को बतौर केयर टेकर को संविदा पर लगाया गया। यह केयर टेकर बच्चों के साथ अमानवीय व्यवहार करती है। बच्चों से झाड़ू-पोछा करवाती है और बुरी तरह से मारपीट करती है। उन्होंने इसके लिए जिला प्रोबेशन अधिकारी को भी जिम्मेदार माना, कहा कि लगता है कि केयर टेकर को उच्चाधिकारी का संरक्षण प्राप्त है।
जिला प्रोबेशन अधिकारी गौरव मिश्रा ने यंग भारत न्यूज को बताया कि वायरल वीडियो इसी माह के हैं। हमारे पास वीडियो आए हैं, जांच कराई जा रही है। इस मामले में आरोपियों पर कार्रवाई अवश्य होगी। जांच रिपोर्ट आते ही सख्त कार्रवाई की जाएगी। बच्चों के साथ ऐसा व्यवहार किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने अपने ऊपर लगाए गए सभी आरोपों से इन्कार किया है, कहा शासन की मंशानुरूप ही कार्य किया जा रहा है।
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