Advertisment

New initiative: कस्तूरबा विद्यालयों में छात्राओं को आनलाइन पढ़ाई जाएगी श्रीमद्भागवत गीता, डीएम ने की शुरुआत

शाहजहांपुर जनपद कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में अब छात्राओं को गीता भी पढ़ाई जाएगी। गीता पढ़ाने के लिए जिलाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने आनलाइन व्यवस्था कराई है।

author-image
Narendra Yadav
शाहजहांपुर

कस्तूरबा गांधी विद्यालय की छात्राओं के साथ जिलाधिकारी धर्मंद्र प्रताप सिंह व शिक्षिकाएं। Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

शाहजहांपुर, वाईबीएन संवाददाता

Advertisment

जनपद  के समस्त  कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में बालिकाओं को श्रीमद्भागवत गीता के संदेश को आत्मसात करने क लिए जिलाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने ऑनलाइन कक्षाओं की शुरुआत 17 अप्रैल को कलेक्ट्रेट सभागार से की। इस दौरान जिले के सभी केजीबीवी विद्यालयों से एक-एक छात्रा एवं एक-एक शिक्षक ने प्रत्यक्ष रूप से सहभागिता की, जबकि अन्य विद्यालयों के छात्र-छात्राएं एवं शिक्षक वर्चुअल माध्यम (वीसी) से इस कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। इस दौरान छात्राओं ने जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी के समक्ष श्रीमद्भगवद्गीता के श्लोकों का उच्चारण किया, जिसे सुनकर जिलाधिकारी ने उनकी सराहना की एवं सभी प्रतिभागियों को श्रीमद्भगवद्गीता की प्रतियां भेंट स्वरूप प्रदान कीं।

जिलाधिकारी ने कहा कि गीता केवल किसी एक धर्म की पुस्तक नहीं है, बल्कि यह संपूर्ण मानवता के लिए जीवन जीने की एक उत्कृष्ट मार्गदर्शिकाए सदैव सत्य रहने वाले संदेशों का संग्रह है। इसके अध्ययन से व्यक्ति को आंतरिक शांति, स्थिरता एवं आत्मिक बल की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि गीता के उपदेशों को आत्मसात करने से बच्चों में संस्कारों की वृद्धि होगी तथा बच्चे परिवार के बीच में सामंजस्य बैठाना भी सीखेंगे। उन्होंने सभी अध्यापकों एवं छात्राओं से आग्रह किया कि वे पूरे मनोयोग से गीता प्रतियोगिता की तैयारी करें।

यह भी पढ़ेंः-

Advertisment

शाहजहांपुर न्यूजः कानून के सख्त क्रियान्वयन को इंस्पेक्टर और एसआई को टैबलट व मोबाइल सौंपे

हादसा: कोलकाता में गंगा की लहरों में समा गए शाहजहांपुर को दो सगे भाई, शोक में डूबी मधुवन कालोनी

विद्यालयों में कराई जाएगी गीता प्रतियोगिताएं

Advertisment

जिलाधिकारी न निर्देश दिया कि प्रतियोगिता दो स्तरों पर आयोजित की जाए - एक अध्यापकों के लिए और दूसरी छात्राओं के लिए। अध्यापकों की प्रतियोगिता पहले आयोजित की जाए और उसके परिणामों के पश्चात छात्राओं के बीच प्रतियोगिता करवाई जाए। जिलाधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि श्लोकों को रटवाने की बजाय उनके भावार्थ एवं सार को समझाते हुए शिक्षण कार्य किया जाए। श्लोकों को कहानी एवं संवाद शैली में समझाकर बच्चों में नैतिक मूल्यों और आध्यात्मिक समझ को बढ़ावा दिया जाए। उपस्थित राज्य संदर्भ समूह के सदस्यों को जिलाधिकारी द्वारा निर्देशित किया गया कि वह श्लोकों से संबंधित 200 शब्दों की एक शब्दावली तैयार करें । जिलाधिकारी ने उम्मीद जताई कि इस प्रतियोगिता के माध्यम से छात्राओं में भारतीय संस्कृति, नैतिक शिक्षा तथा आत्मिक जागरूकता को नई दिशा मिलेगी। उन्होंने सभी विद्यालयों से प्रतियोगिता के आयोजन क लिए पूर्ण मनोयोग से तैयारी करने की अपेक्षा की एवं कार्यक्रम की सफलता की कामना की।

यह भी पढ़ेंः-

Shahjahanpur News : शाहजहांपुर के प्रेमी युगल ने मथुरा रेलवे स्टेशन पर जहर खाकर दी जान, एक और प्रेम कहानी का दुखद अंत

Advertisment

पुरस्कारों की घोषणा भी की गई

प्रथम पुरस्कार - ₹21,000/-

द्वितीय पुरस्कार -₹15,000/-

तृतीय पुरस्कार -₹10,000/-

साथ ही, 10 अन्य प्रतिभागियों को प्रोत्साहन स्वरूप ₹2,000/- की धनराशि अथवा उपहार  प्रदान किए जाएंगे।

 

Advertisment
Advertisment