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मुद्दा: उत्तर रेलवे को तिलहर स्टेशन पर किसी बड़े हादसे का इंतजार

शाहजहांपुर जिले के तिलहर रेलवे स्टेशन पर उत्तर रेलवे को शायद किसी बड़े हादसे का इंतजार है, शायद यही वजह है कि विपरीत दिशा में बुकिंग काउंटर से टिकट के लिए फुट ओवर ब्रिज निर्माण को मांग को ठंडे बस्ते में डाल दिया है।

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Anurag Mishra
तिलहर रेलवे स्टेशन

तिलहर रेलवे स्टेशन का फाइल फोटो Photograph: (वाईवीएन नेटवर्क )

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शाहजहांपुर, वाईबीएन संवाददाता

तिलहर रेलवे स्टेशन पर उत्तर रेलवे को शायद किसी बड़े हादसे का इंतजार है इसीलिए लगभग चार दशक में सैकड़ो यात्रियों की दुर्घटना में मौत के बावजूद अब तक फुट ओवर ब्रिज का निर्माण रेलवे ने ठंडा बस्ते में डाल  रखा है। दिल्ली लखनऊ रेल मार्ग पर तिलहर रेलवे स्टेशन बरेली शाहजहांपुर के बीच एक प्रमुख केंद्र है। जहां से देशभर के लिए यात्रियों का आवागमन होता है। रेलवे स्टेशन नगर के उत्तरी कोने पर बना है यात्रियों को टिकट लेने के लिए या आरक्षण करने के लिए प्लेटफार्म नंबर एक पर आना पड़ता है। वही डाउन दिशा से आने वाले यात्रियों को नगर में जाने के लिए रेलवे लाइन पार करके दक्षिण दिशा में आना पड़ता है।

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रेलवे एक्ट को तोड़कर यात्रा करना बनी मजबूरी

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भारतीय रेलवे अधिनियम के अंतर्गत रेलवे लाइन को बिना पुल पार करना अपराध है। चूंकि रेलवे स्टेशन नगर के उत्तरी किनारे पर बनी है। चाहे टिकट लेना हो या शहर जाना हो फुट ओवर ब्रिज ना होने के कारण यात्रियों को कानून तोड़कर रेलवे लाइन पार करना मजबूरी बन चुका है। आधा दर्जन आंदोलन और जनप्रतिनिधियों के आश्वासन के बावजूद लगभग चार दशक से नगर वासी रेलवे एक्ट को तोड़कर रेल यात्रा करने पर मजबूर हैं।

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चार दशक में सैकड़ो हुए काल कलवित

लगभग चार दशक से रेलवे लाइन क्रॉस करके प्लेटफार्म नंबर तीन पर जाने और नगर की तरफ आने की कोशिश में सैकड़ो यात्री अपनी जान से हाथ धो चुके हैं मगर मजाल है कि रेलवे स्थानीय अधिकारियों या जनप्रतिनिधियों ने इस महत्वपूर्ण जनहित के मुद्दे पर थोड़ी सी भी संवेदनशीलता दिखाकर फुट ओवर ब्रिज के लिए सार्थक प्रयास करने की कोशिश की हो। दुर्घटना का शिकार होकर अपनी जान गंवाने वालों की संख्या भले ही सैकड़ा पार कर गई हो किंतु किसी जनप्रतिनिधि ने भी इस तरफ इस सरकार का ध्यानाकर्षण करने का प्रयास नहीं किया। नागरिकों द्वारा रेलवे स्टेशन पर फुट ओवर ब्रिज बनवाने के लिए क्रमिक अनशन और संघर्ष का रास्ता भी अपनाया गया। लेकिन जनप्रतिनिधियों और सत्ता का साथ न मिलने के कारण आंदोलन सफलना हो सका। नगर वासी आज भी जान जोखिम में  डालकर यात्रा करने पर मजबूर है।

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क्या कहते हैं नगरवासी 

बबीता शर्मा
बबीता शर्मा शिक्षिका बहादुरगंज तिलहर Photograph: (स्वयं)

रेलवे स्टेशन पर फुट ओवर ब्रिज बनाया जाना बहुत जरूरी है ,क्योंकि रात में प्लेटफार्म एक से रेलवे लाइन पार करके आना पड़ता है। कई बार दुर्घटनाएं भी हो चुकी हैं। जनता की सुरक्षा के लिए जनप्रतिनिधियों को आगे आना चाहिए। मुद्दा प्राथमिकता के आधार पर उठाना चाहिए।

-बबीता शर्मा शिक्षिका बहादुरगंज तिलहर 

शीलेंद्र मोहन मिश्रा
शीलेंद्र मोहन मिश्रा अधिवक्ता Photograph: (स्वयं)

तिलहर रेलवे स्टेशन पर रेलवे लाइन को जान को जोखिम में डालकर पार करना तिलहर बासियों मजबूरी है। टिकट घर नगर के विपरीत दिशा में है। इसका समाधान जनहित में परम आवश्यक है 

-शैलेंद्र मोहन मिश्रा अधिवक्ता तहसील तिलहर

प्रियंक गुप्ता
प्रियंक गुप्ता व्यापारी Photograph: (स्वयं)

 प्लेटफॉर्म नंबर एक पर पहुंचने के लिए या तो जान जोखिम मेंडलनी पड़ती है या फिर गाड़ी छोड़नी पड़ती है। जनता की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।

-प्रियंक गुप्ता मिष्ठान विक्रेता मुख्य बाजार तिलहर

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नरेंद्र शर्मा
नरेंद्र शर्मा शिक्षक Photograph: (स्वयं)

 पैदल पुल न होने से यात्रियों की सुरक्षा लिए बहुत बड़ा खतरा हर समय बना रहता है। और और यात्रियों को दुर्घटना का शिकार होना पड़ता है। तीन मंत्री, तीन एमपी 2 एमएलसी और और 6 विधायक के बावजूद जनपद की सबसे बड़ी तहसील में जनता की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ हो रहा है। यदि इसका उचित समाधान नहीं होता है तो जनता कभी माफ नहीं करेगी। 

-नरेंद्र शर्मा शिक्षक हिंदूपट्टी तिलहर

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