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सख्शियत: मिनी पंजाब में ज्ञान साधना के खेत में लहलहाई मेधावियों की फसल

सर्वाधिक खाद्यान्न उत्पादन से पुवायां तहसील को मिनी पंजाब कहा जाता है। समाजसेवी विपिन अग्रवाल ने कर्म साधना से नई पहचान दी। उन्होंने CBSE स्कूल की स्थापना कर ज्ञान साधना के खेत में मेधावियों की ऐसी फसल उगाई कि पुवायां, शिक्षाक्षेत्र का भी बादशाह बन गया।

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Narendra Yadav
यादें

कंबरीज़ कान्वेंट में आयोजित कार्यक्रम मावं दीप प्रज्ज्वलित करते हुए निदेशक रचित अग्रवाल Photograph: (स्वयं )

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शाहजहांपुर, वाईबीएन संवाददाता: 

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सर्वाधिक खाद्यान्न उत्पादन के कारण पुवायां तहसील को मिनी पंजाब कहा जाता है। समाजसेवी विपिन कुमार अग्रवाल ने नई कर्म साधना से नई परिभाषा गढ़ दी। 1999 में उन्होंने कैंब्रिज कान्वेन्ट स्कूल नाम से ज्ञान साधना का खेत तैयार कर उसमें ऐसी बीज बोए की मेधावियों की फसल लहलहा उठी। अब पुवायां, शिक्षा क्षेत्र का भी बादशाह बन गया है। CBSE तथा यूपी बोर्ड परीक्षा की टापर सूची में तहसील का नाम सुशोभित हो रहा है। 

कीर्तिशेष
विपिन कुमार अग्रवाल Photograph: (स्वजन )

 

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 पुवायां में 23 मार्च 1959 को जन्में विपिन कुमार अग्रवाल ने प्राथमिक शिक्षा पुवायां इण्टर कॉलेज पुवायां से प्राप्त की। इसके बाद बरेली कॉलेज बरेली  से परास्नातक किया। कुशाग्र बुद्धि के धनी विपिन कुमार अग्रवाल ने 1978 में प्रथम श्रेणी में गोल्ड मेडल के साथ M.COM की परीक्षा उत्तीर्ण की। पैत्रक कारोबार के साथ वह राजनीति में भी सक्रिय रहे। 1984 से 1989 तक पुवायां नगर पालिका के उपाध्यक्ष भी रहे।  भारतीय जनता पार्टी के मण्डल अध्यक्ष, ज़िला मंत्री, ज़िला उपाध्यक्षसमेत अनेकानेक पदों के साथ वह पुवायां व्यापार मण्डल के अध्यक्ष भी रहे।  सन 1994 में शिक्षा की अलख जगाते हुए पुवायां तहसील में प्रथम एवं शाहजहाँपुर जनपद के दुसरे CBSE बोर्ड के कैंब्रिज कॉन्वेंट स्कूल की स्थापना की। इससे मिनी पंजाब कहे जाने वाली पुवायां तहसील को शिक्षा क्षेत्र में नई पहचान मिली। आवासीय शिक्षा व्यवस्था का भी प्रयोग सफल रहा। विपिन कुमार अग्रवाल की सफलता को देख क्षेत्र में विद्यालय स्थापना की होड शुरू हो गई।

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CBSE स्कूलों के बने संरक्षक, हितों की रक्षा को रहे समर्पित  

केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद के स्कूलों की साख बढ़ाने व नई पहचान के लिए विपिन कुमार अग्रवाल ने 2016 में  इंडिपेंडेंट स्कूल एसोसिएशन का गठन किया। वह अंतिम सांस तक अध्यक्ष रहे।  CBSE सहोदया स्कूल कॉम्प्लेक्स का भी उन्हें अध्यक्ष  चुना गया। विपिन अग्रवाल के कार्य के प्रति समर्पण व सतत साधना की बदौलत CBSE बोर्ड परीक्षा परिणाम में विद्यार्थियों का श्रेष्ठ प्रदर्शन रहा। विद्यार्थियों ने जिले के साथ मण्डल की सूची में भी जनपद का नाम सुशोभित किया। 

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जनपद रत्न, अटल रत्न, मण्डल रत्न समेत मिले कई सम्मान

  समाजसेवा के साथ शिक्षा क्षेत्र में अग्रणी भूमिका के लिए विपिन कुमार अग्रवाल को जनपद रत्न से भी सम्मानित किया जा चुका है। दैनिक जागरण की ओर से उन्हें बरेली में मण्डल रत्न सम्मान से अलंकृत किया गया। इसके अलावा अटल रत्न, राष्ट्र निर्माण शिक्षक सम्मान, राजा खुटार की ओर से तहसील सम्मान, उद्यमी सम्मान, लायंस क्लब, रोटरी क्लब तथा व्यापार मण्डल की ओर से सम्मानित किया गया। 

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राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल से भी मिला आशीष 

विपिन कुमार अग्रवाल को राष्ट्रपति भवन में भी बुलाया गया। राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने शिक्षा क्षेत्र में योगदान के लिए सराहना की। उत्कृष्ट कार्य के आशीष भी प्रदान किया। गत वर्ष 12 मार्च को असामयिक निधन के बाद अब रचित अग्रवाल पिता की विरासत को  निदेशक के रूप में अच्छे से सहेज कर नाम रोशन कर रहें है। विनायक अग्रवाल भी पिता की ओर से रोपित कान्वेन्ट स्कूल रूपी पौधे को विशाल वत वृक्ष बनाने को जुटे हैं। शनिवार को विद्यालय में उनके हिन्दी तिथि का अनुसार 66 वें जन्मदिन पर सभी ने भावपूर्ण कर अधूरे सपनों को पूर्ण करने का संकल्प लिया। 

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