बिजली दरों में प्रस्तावित बढ़ोतरी से शाहजहांपुर में बढ़ी चिंता, जानिए क्या बोली आम जनता?
उत्तर प्रदेश में विद्युत दरों में 30% तक वृद्धि के प्रस्ताव ने शाहजहांपुर के उपभोक्ताओं की चिंता बढ़ा दी है। समाजसेवियों, व्यापारियों, महिलाओं और किसान नेताओं ने इसे जनविरोधी फैसला बताया है और सरकार से जनहित में दरें न बढ़ाने की मांग की है।
उत्तर प्रदेश में एक बार फिर बिजली दरों में बढ़ोतरी की सुगबुगाहट से आम उपभोक्ता परेशान हैं। उत्तर प्रदेश विद्युत निगम लिमिटेड (UPPCL) ने विद्युत दरों में करीब 30% तक वृद्धि का प्रस्ताव तैयार कर राज्य विद्युत नियामक आयोग को भेज दिया है। अगर आयोग इस प्रस्ताव को मंजूरी देता है तो प्रदेश में बिजली की दरें महंगाई के नए स्तर पर पहुंच जाएंगी। इससे न सिर्फ घरेलू उपभोक्ता बल्कि छोटे व्यापारी, किसान और मजदूर वर्ग भी बुरी तरह प्रभावित होंगे।
इस मुद्दे पर YBN की टीम ने शाहजहांपुर में जनता से बातचीत की और उनकी राय जानी। आम जन से लेकर व्यापारी और किसान संगठनों तक ने इस प्रस्ताव को जनविरोधी करार दिया है।
Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)
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बिजली हर घर की जरूरत है, सरकार इसे महंगा न करे
समाजसेवी गजेंद्र गंगवार ने कहा बिजली हमारी सबसे आवश्यक सुविधाओं में से एक है। आज के दौर में घरों में खाना बनाना हो, बच्चों की पढ़ाई हो या कारोबार चलाना हर चीज़ बिजली पर निर्भर है। रेट बढ़ने से आम आदमी की जेब पर भारी असर पड़ेगा। सरकार को जनहित में ऐसा फैसला नहीं लेना चाहिए।
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बिजली महंगी हुई तो किसानों की कमर टूट जाएगी
भारतीय मजदूर किसान यूनियन राष्ट्रवादी के जिला अध्यक्ष महेंद्र सिंह यादव ने कहा गांवों में किसान पहले ही डीजल, खाद, बीज और महंगे उपकरणों से परेशान हैं। अगर बिजली भी महंगी कर दी गई तो सिंचाई करना और भी मुश्किल हो जाएगा। खेती अब घाटे का सौदा बन जाएगी। यह फैसला पूरी तरह से किसान विरोधी है।
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महंगाई में घरेलू बजट कैसे संभालें?
ग्वालटोली निवासी गृहिणी नंदनी देवी ने कहा, रसोई गैस, तेल, सब्जी सब महंगा हो गया है। अब अगर बिजली का बिल भी बढ़ेगा तो घर कैसे चलेगा? पंखा, कूलर, फ्रिज, वॉशिंग मशीन हर चीज़ बिजली से चलती है। यह सीधे आम आदमी पर बोझ है।
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व्यापार मंदा है बिजली महंगी हुई तो और मुश्किल होगी
मोहल्ला हाथीथान के व्यापारी सुशील कनौजिया ने कहा, लॉकडाउन के बाद से व्यापार पहले ही कमजोर हो चुका है। दुकानों में जितनी बिजली लगती है अगर उसका बिल और बढ़ा तो हमारी लागत ही निकलना मुश्किल होगा। छोटे दुकानदारों के लिए यह फैसला खतरे की घंटी है।
इस पूरे मामले पर विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता जोगेश कुमार ने बातचीत में बताया बिजली दरों में बढ़ोतरी फिलहाल सिर्फ एक प्रस्ताव है जो नियामक आयोग के पास भेजा गया है। अभी इस विषय में कोई सटीक जानकारी नहीं दी जा सकती। जब तक आयोग फैसला नहीं लेता तब तक उपभोक्ताओं को घबराने की जरूरत नहीं है।