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नदी बचाओ पदयात्राः भैंसी नदी में नहीं मिला एक बूंद पानी, सदानीरा को शुरू हुआ संघर्ष

लखनऊ की सुंदरता को पंख लगाने वाली गोमती नदी की सहायक भैंसी नदी के पुनरोद्धार के लिए पदयात्रा शुरू हो गई है। पदयात्रियों को नदी में एक बूंद भी पानी नहीं मिला। अब नदी को बचाने के लिए संघर्ष शुरू किया गया है।

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Narendra Yadav
शाहजहांपुर

भैंसी नदी बचाओ अभियान के लिए निकाली जा रही पदयात्रा में शामिल ग्रामीण। Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)

शाहजहांपुर, वाईबीएन संवाददाता
पौराणिक नदी गोमती लखनऊ की सुंदरता में चार चांद लगाती है। लेकिन उसकी दुर्दशा के बारे में कोई नहीं सोच रहा है। गोमती की सहायक नदियों का अस्तित्व खतरे में है। सहायक नदियां भी नहीं रहेंगी तो गोमती पर भी संकट गहरा जाएगा। गोमती की एक  महत्वपूर्ण सहायक नदी भैंसी को बचाने के लिए इन दिनों कई संगठनों के लोगों ने जन जागरुकता के लिए आंदोलन छेड़ दिया है। 22 अप्रैल से शुरू हुई पदयात्रा 28 अप्रैल तक चलेगी। पदयात्रा के दौरान यह बात सामने आई है कि भैंसी नदी में एक बूंद पानी नहीं है। कई स्थानों पर अतिक्रमण कर लिया गया है, जिससे नदी के अस्तित्व को खतरा हो गया है। पदयात्रा में शामिल लोग सरकार के साथ ही प्रशासन को भी भैंसी के पुरोद्धार के लिए आगाह कर रहे हैं। 

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लोक भारती संगठन की अगुवाई में शुरू हुई पदयात्रा में संगठन के राष्ट्रीय सह संयोजक नीरज सिंह ने बताया कि हमने पदयात्रा की शुरूआत की तो सबसे पहले बरखेड़ा के विधायक स्वामी प्रवक्तानंद ने भी हमारा साथ दिया और आश्वासन दिया की भैंसी नदी के पुनरोद्धार के लिए सरकार तक बात को पहुंचाएंगे। उन्होंने कहा था कि भैंसी नदी का पुर्नजीवन कोई साधारण प्रयास नहीं, बल्कि यह एक ईश्वरीय कार्य है।  उन्होंने कहा, "नदियां हमारी जीवन रेखा हैं। यदि नदियां सूखती हैं, तो उसका खामियाजा न केवल मनुष्य, बल्कि सभी जीव-जंतु भुगतेंगे।" उन्होंने नदियों की अविरल धारा बनाए रखने, जल स्रोतों की रक्षा करने और जलीय जीवों को सुरक्षित रखने की आवश्यकता पर बल दिया।

प्रशासन हमारी बात सरकार तक पहुंचाए

पदयात्रा की अगुवाई कर रहे नीरज सिंह ने बताया कि करीब 50 किलोमीटर की पदयात्रा में हमें नदी में एक बूंद पानी नहीं दिखाई दिया। कुथ स्थानों पर अतिक्रमण भी कर लिया गया है। बंडा में तो पूरा नालों का पानी भैंसीमें डाला जा रहा है, जिससे नदी को नाले का स्वरूप दे दिया गया है। हर गांव में हमें समर्थन मिल रहा है। यह हमारी शांति पूर्वक लड़ाई है। इतने ज्ञापन और मांग पत्रों के बाद भी प्रशासन ने भैंसी के पुनरोद्धार की कोई योजना नहीं बनाई है। जोकि बहुच चिंतनीय है। यह संघर्ष अब बंद नहीं होगा। खुद हम लोग सरकार के पास जाएंगे। जरूरत पड़ी तो आंदोलन भी करेंगे। लोकभारती के अध्यक्ष संजय उपाध्याय ने कहा कि अब भैंसी नदी के जीर्णोद्धार के लिए संघर्ष छिड़ गया है। इसे बंद नहीं किया जाएगा। 

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पदयात्रा का बंडा ब्लाक के लोगों ने उठाईं समस्याएं 

शाहजहांपुर
लोक भारती की भैंसी नदी बचाओ यात्रा। Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)

 

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पदयात्रा रसूलापुर गांव से जल चौपाल करके लालपुर में कृष्ण कुमार वर्मा के यहां पहुंची। यहां ब्लॉक प्रमुख ओमप्रकाश, राजीव गंगवार, धर्मवीर शर्मा, अभिषेक शुक्ला, सत्यपाल कुशवाहा आदि मौजूद रहे। आयोजक नीरज सिंह ने बताया कि बृहस्पतिवार को बंडा ब्लॉक में जन चौपाल हुई। लोक भारती के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री गोपाल उपाध्याय ने संबोधित किया। पदयात्रा में देवेश गंगवार, राजदीप सिंह, सृजल शुक्ल, उत्कर्ष शुक्ल, सुधीर सिंह, राजकिशोर सिंह और विपिन पटेल आदि मौजूद रहे। 

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