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भगवान बुद्ध Photograph: (इंटरनेट मीडिया )
शाहजहांपुरवाईबीएनसंवाददाता
ब्लॉक मिर्जापुर के ग्राम पहाड़पुर में बुद्ध विजडम सोसाइटी द्वारा "बुद्ध धर्म का मानव जीवन में महत्व" विषय पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. सत्यदेव बौद्ध ने की, जबकि संचालन भुवनेश्वर बौद्ध ने किया। संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में प्रोफेसर जयेंद्र कुमार ने भाग लिया।संगोष्ठी की शुरुआत प्रेमपाल कुशवाहा के संबोधन से हुई, जिसमें उन्होंने बुद्ध की शिक्षाओं और उनके समाजिक प्रभाव पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि किस प्रकार बुद्ध की शिक्षाएं अंधविश्वास और पाखंड से मुक्ति दिलाकर समाज को सच्चे मार्ग की ओर ले जाती हैं।मुख्य वक्ता प्रोफेसर जयेंद्र कुमार ने बुद्ध धर्म के नीति शास्त्र की गहराई से व्याख्या की। उन्होंने कहा कि बुद्ध दर्शन का मूल आधार नैतिकता, करुणा और मानवतावाद है।
बुद्ध ने सभी प्राणियों के प्रति प्रेम की भावना को सर्वोपरि बताया है। उन्होंने बताया कि जीवन में दुख का कारण क्या है, और उसका निरोध कैसे संभव है, यह बुद्ध की शिक्षाओं का मूल संदेश है।भुवनेश्वर बौद्ध ने अपने वक्तव्य में बुद्ध द्वारा बताए गए "पांच श्रेष्ठ पद्धतियों" की विस्तार से व्याख्या की। इनमें प्राणियों की हिंसा न करना, चोरी या अनुचित ग्रहण से बचना, शुद्ध आचरण का पालन, असत्य भाषण से बचना और मादक पदार्थों से दूर रहना शामिल हैं। उन्होंने कहा कि ये पांच सिद्धांत जीवन को शुद्ध और शांतिपूर्ण बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।कार्यक्रम में रिंकू बौद्ध, राजा राम बौद्ध और हरपाल बौद्ध ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर बड़ी संख्या में क्षेत्रवासी उपस्थित रहे। विशेष बात यह रही कि कार्यक्रम में महिलाओं की भागीदारी पुरुषों से अधिक रही, जो समाज में बदलाव और जागरूकता का प्रतीक है।
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