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शाहजहांपुर-हरदोई फोरलेन, दो साल से अधूरा निर्माण, गड्डों और धूल से राहगीर परेशान

शाहजहांपुर के सेहरामऊ दक्षिणी लखनऊ-पलिया हाईवे का चौड़ीकरण कार्य थमने से हरदोई बाइपास से हरदोई जिले की सीमा तक करीब 14 किमी हिस्से में सड़क की मौजूदा लेन गड्ढों से छलनी हो गई है। गड्ढे पाटने के लिए डाली गई कोयले की राख से धूल के गुबार उड़ रहे हैं।

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Harsh Yadav
लखनऊ-पलिया हाईवे पर धूल-राख उड़ने से परेशान वाहन चालक।

लखनऊ-पलिया हाईवे पर धूल-राख उड़ने से परेशान वाहन चालक। Photograph: (वाईबीएन )

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शाहजहांपुर, वाईबीएन संवाददाता 

शाहजहांपुर में खुटार से लेकर हरदोई जिले की सीमा के पास सरदारनगर गांव तक डबल लेन हाईवे को फोरलेन बनाने का काम पिछले दो वर्षों से चल रहा है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने चौड़ीकरण का ठेका दूरी के हिसाब से अलग-अलग कंपनियों को दिया है।

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हरदोई बाईपास से जनपद की सीमा तक लगभग चौदह किलोमीटर की दूरी तक चौड़ीकरण का काम एक कंपनी द्वारा छह महीने पहले शुरू किया गया था। उस समय दावा किया गया था कि चौड़ीकरण का कार्य दो-तीन महीनों में पूरा कर लिया जाएगा। हालांकि, वास्तविकता इसके विपरीत है। अभी तक नई लेन के लिए हाईवे के किनारे समतल किए गए हिस्सों पर गिट्टी-पत्थर डालने का काम भी पूरा नहीं हो सका है। इसके कारण पुरानी लेन पर भारी वाहनों के दबाव से बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं। पिछले कई दिनों से चौड़ीकरण का काम रुका हुआ है और मौके पर कोई जिम्मेदार व्यक्ति मौजूद नहीं है।

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गड्ढों को समतल करने के लिए डाली गई राख वाहनों के टायरों के साथ दूर तक सड़क पर उड़ रही है। धूल के इतने गुबार उठ रहे हैं कि सामने से आने वाले वाहन भी दिखाई देना मुश्किल हो गया है। इसी हाईवे पर पुवायां-शाहजहांपुर के बीच निर्माण स्थलों पर धूल रोकने के लिए टैंकरों से पानी का नियमित छिड़काव किया जा रहा है, लेकिन हरदोई मार्ग पर ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की गई है।

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मिर्गापुर से लक्ष्मणपुर तक वाहन चलाना मुश्किल

हाईवे से गुजरने वाले वाहन चालकों के लिए सबसे बड़ी चुनौती मिर्गापुर से लक्ष्मणपुर तक लगभग तीन किलोमीटर की दूरी तय करना है। लक्ष्मणपुर मोड़ तक जाते समय रास्ता वनवे है। इसी हिस्से में गड्ढे राख से भरे हुए हैं। बाइक सवारों और भारी वाहन चालकों को दिन में तेज हवा चलने पर धूल उड़ने के कारण आंखें बंद करनी पड़ती हैं, जिससे दुर्घटना का खतरा बढ़ गया है।

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मार्च में हुए कई हादसे

हाल के दिनों में इस हाईवे पर कई सड़क हादसे हुए हैं। 9 मार्च की देर शाम शाहाबाद क्षेत्र के गांव हैदरपुर निवासी शिवम की बाइक सामने से आ रही पिकअप से टकरा गई थी, जिससे उसकी मौत हो गई थी। अगले दिन, 10 मार्च की दोपहर रौसर कोठी से सवारी लेकर आ रहा रिक्शा बीबीपुर गांव के सामने खाई में पलट गया था, जिसमें चंपापुर निवासी राम भजन वर्मा के पैर की हड्डी टूट गई थी। 14 मार्च की शाम कनेंग निवासी मोनू की बाइक में पीछे से एक वाहन ने टक्कर मार दी थी, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए और उपचार के दौरान उनकी मृत्यु हो गई थी।

अधिकारियों का आश्वासन

एनएचएआई के परियोजना निदेशक प्रशांत दुबे ने कहा कि राहगीरों को परेशानी न हो, इसके लिए निर्माणाधीन सड़क पर छिड़काव कराया जाएगा। उन्होंने गड्ढों को भरवाकर हाईवे का निर्माण कार्य शीघ्र पूरा कराने के निर्देश दिए हैं। हालांकि, जमीनी हकीकत इन आश्वासनों से अलग है और राहगीरों को अभी भी धूल और गड्ढों से जूझना पड़ रहा है।

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