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Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)
शाहजहांपुर, वाईबीएन संवाददाता
जनपद में जिलाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में रबी विपणन वर्ष 2025-26 के अंतर्गत मंगलवार को गेहूं खरीद प्रक्रिया की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में जिले के फ्लोर मिलर्स, गेहूं प्रोसेसर्स, होलसेलर्स, स्टॉकिस्ट, आढ़तियों एवं व्यापारियों ने भाग लिया। अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए।
बैठक में जिला खाद्य विपणन अधिकारी ने बताया कि शासन द्वारा जिले का गेहूं खरीद लक्ष्य 1,55,500 मीट्रिक टन निर्धारित किया गया है, जिसमें से अब तक 184 मीट्रिक टन की खरीद की जा चुकी है। हालांकि, प्रारंभिक खरीद में नमी अधिक होने के कारण अपेक्षित प्रगति नहीं हो पाई है। जिलाधिकारी ने व्यापारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (₹2425/क्विंटल) से कम दर पर गेहूं न खरीदा जाए और अधिकृत गोदामों के अतिरिक्त कहीं भी भंडारण न किया जाए।
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सख्त निर्देश और निगरानी के उपाय:
व्यापारियों को प्रपत्र अनिवार्य रूप से जारी करने और अभिलेखों में दर्ज करने का निर्देश दिया गया। अवैध भंडारण और गेहूं के जिले से बाहर ले जाने पर पूरी तरह रोक लगाने को कहा गया। सभी गेहूं क्रय एजेंसियों को निर्धारित लक्ष्य के अनुसार खरीद करने के लिए निर्देशित किया गया। किसानों के सत्यापन कार्य में देरी न हो, इसके लिए सभी उप जिलाधिकारियों को तहसीलों में बैठकर सत्यापन शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए गए।
क्रय केंद्रों के लिए आदेश:
गेहूं क्रय केंद्र प्रतिदिन सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक खुले रहेंगे। किसानों को किसी प्रकार की असुविधा न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए क्रय केंद्र प्रभारियों को जिम्मेदारी दी गई। प्रत्येक मंडी सचिव को निर्देश दिया गया कि आने वाली ट्रालियों को सीधे क्रय केंद्रों पर भेजा जाए, जिससे किसानों को उचित मूल्य मिले। प्रत्येक मंडी में दो बार नीलामी प्रक्रिया सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया।
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अवैध संचरण पर रोक:
सभी उप जिलाधिकारियों और मंडी सचिवों को निर्देश दिया गया कि वे अपने क्षेत्र में अवैध गेहूं संचरण और कर चोरी को रोकने के लिए बैरियर लगाकर निगरानी करें। किसी भी व्यक्ति के अवैध भंडारण या संचरण में संलिप्त पाए जाने पर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
कृषकों के पंजीकरण और सत्यापन की स्थिति:
अब तक 16,657 किसानों ने गेहूं विक्रय हेतु पंजीकरण कराया है। सत्यापन प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करने के लिए प्रत्येक मंडी में एक राजस्व निरीक्षक की तैनाती का निर्णय लिया गया है, जिससे किसानों का सत्यापन तत्काल हो सके।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि शासन की मंशा के अनुसार ही गेहूं खरीद होनी चाहिए। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों को किसी प्रकार की असुविधा न हो और क्रय प्रक्रिया पारदर्शी एवं सुचारू रूप से संचालित हो।
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