शाहजहांपुर,वाईबीएन संवाददाता
शिक्षा विभाग में चल रही अनियमितताओं की परतें उस वक्त खुलनी शुरू हुईं जब जिलाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने 7 अप्रैल को बीएसए कार्यालय का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने जब मान्यता से संबंधित रजिस्टर मांगा तो वरिष्ठ लिपिक राजेश कुमार उसे प्रस्तुत नहीं कर पाए।
जांच में सामने आया कि बीएसए कार्यालय ने 9 सितंबर 2024 को निदेशक को यह झूठी जानकारी दी थी कि जिले में एक भी स्कूल बिना मान्यता के संचालित नहीं हो रहा है। जबकि हकीकत यह है कि जिले में छह स्कूल बिना किसी वैध मान्यता के शिक्षा दे रहे थे। इनमें अल्हागंज के दक्ष इंटरनेशनल स्कूल, मार्डन पब्लिक स्कूल और क्वीन मेरी मानटेसरी स्कूल शामिल हैं। इसी प्रकार, जलालाबाद क्षेत्र में सद्भावना एजुकेशन एकेडमी, श्री ब्रजपाल सिंह इंटर कॉलेज बझेड़ा और विद्यादेवी मेमोरियल पब्लिक स्कूल बिना मान्यता के पाए गए।
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लिपिक निलंबित, समन्वयक की सेवा समाप्त
यह जानकारी पहले ही जलालाबाद के खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) द्वारा दी जा चुकी थी, इसके बावजूद वरिष्ठ लिपिक ने कोई कार्रवाई नहीं की और गलत सूचना भेज दी। डीएम ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए वरिष्ठ लिपिक राजेश कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। साथ ही निर्माण शाखा के जिला समन्वयक आलोक मिश्रा को सही जानकारी न देने के चलते सेवा समाप्त करने के आदेश दिए हैं।
डीएम धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि यह मामला बेहद गंभीर है और शिक्षा व्यवस्था से सीधे जुड़ा है। जांच अभी जारी है और जो भी अधिकारी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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